आंदोलन कार्यालय की गैरकानूनी तलाशी के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ
राज्य मानवाधिकार आयोग ने घटना की रिपोर्ट माँगी
नर्मदा बचाओ आंदोलनकारियों के गैरकानूनी सरकारी दमन के विरोध में देश भर के संगठनों द्वारा व्यापक स्तर पर प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेज कर घटना की रिपोर्ट माँगी है। दूसरी और आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटक्र के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल कलेक्टर से मिला। कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने आंदोलन को ज्ञापन देकर संवाद किया।
आंदोलनकारियों के दमन की व्यापक निंदा शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों के संवैधानिक और मानवीय अधिकारों के दमन के खिलाफ कई जन संगठनों और वरिष्ठ लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जन पहल समूह की ओर से श्री योगेश दीवान, आजम खान, सारिका सिन्हा आदि ने आज राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्या॰ डी॰ एम॰ धर्माधिकारी से मिल कर खण्डवा जिला प्रशासन द्वारा बाँध प्रभावितों के संवैधानिक और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जाहिर की। आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए खण्डवा के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 3 दिनों में घटना की रिपोर्ट माँगी है।
वरिष्ठ गाँधीवादी विचारक सुश्री राधा भट्ट और उत्तराखण्ड नदी बचाओ अभियान के बसंत पाण्डे ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान को पत्र लिखकर गिरफ्तार आंदोलनकारियों की बिना शर्त रिहाई की माँग की है। आंदोलन के इंदौर समर्थक समूह ने दुर्भावनापूर्वक की गई प्रशासनिक कार्रवाई को न्यायपालिका और लोकतंत्रिक आस्था को ठेस पहुँचाने वाला बताया। पीपल्स यूनियन आॅफ डेमोक्रेटिक राईटस ने विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रशासन की दमानात्मक कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की है।
पुलिस दमन जारी: जेल में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू
पुलिस द्वारा दमन अभी भी बदस्तूर जारी है। पुलिस द्वारा आंदोलन कार्यालय पर गैरकानूनी रूप से कब्जा किया गया तथा आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री आलोक अग्रवाल को बगैर गिरफ्तारी वारण्ट के गिरफ्तार किया गया तथा रातभर थाने में बंधक रखा गया।
श्री अग्रवाल पर लगाए गए आरोपों के बारे में पुलिस ने गुमराह किया। हमें जानकारी दी गई कि श्री अग्रवाल को पूछताछ हेतु लाया गया है जबकि हमारे वकील को बताया कि उन्हें पुराने केस में गिरफ्तार किया गया है। आंदोलन कार्यालय पर गैरकानूनी कब्जे के खिलाफ चित्तरूपा पालित और रामकुँवर ने आज जैल में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।
आंदोलन कार्यालय को निशाना बनाया जा रहा है। जिला प्रशासन के इशारे पर आज विद्युत विभाग द्वारा आंदोलन के कार्यालय की जाँच की गई। इस प्रकार जिला प्रशासन दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई कर प्रभावितों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति निरूत्साहित कर रहा है।
कार्यक्रम जारी
प्रभवितों का अनिश्चितकालीन धरना और क्रमिक अनशन जारी है। इस कार्यक्रम के समर्थन में आज महेश्वर, अपर वेदा और औंकारेश्वर बाँध प्रभावित बड़ी संख्या में जुटे। मेधा पाटकर ने मोर्चा संभाला आंदोलन के वरिष्ट कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति में आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर ने मोर्चा संभाल लिया है। उनके नैतृत्व में आज दिन भर कार्यक्रम जारी रहे।
कलेक्ट्रेट कर्मचारी संगठन ने आज कलेक्ट्रेट में सुश्री पाटकर को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया है कर्मचारियों की बाँध प्रभावितों के साथ पूर्ण सुहानुभूति है। सुश्री पाटकर ने आंदोलन की और से कर्मचारियों की भावना का सम्मान करते हुए कहा कि विस्थापितों की लड़ाई कर्मचारियों से नहीं है।
सुश्री पाटकर के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्टर श्री सिंह से भी मुलाकात की। कलेक्टर ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि वे स्वयं चाहते थे कि एनएचडीसी अधिकारी प्रभावितों से चर्चा करें। प्रतिनिधिमण्डल ने आंदोलनकारियों पर लादे गए झूठे केस वापस लेने की माँग करते हुए चेतावनी दी कि यदि गिरफ्तार आंदोलनकारियों का दमन जारी रहा तो वे भी सभी जेल जाने के लिए तैयार हैं। सुश्री पाटकर ने कलेक्टर
को बताया कि कलेक्टर कार्यालय में तोड़फोड़ की झूठी खबर से प्रशासन की ही छवि खराब हुई है।