तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी को एक बार फिर से विलंबित कर दिया
हालांकि The Cigarette and other tobacco products Act 2003 या तम्बाकू एवं अन्य उत्पाद अधिनियम २००३ को पारित हुए लगभग ५ साल होने को हैं, परन्तु किसी न किसी कारणवश इसके अनेकों जन-स्वास्थ्य के लिए समर्पित कानून अभी तक नही लागू हो पा रहे हैं. इनमे से एक है, तम्बाकू के हर तरह के उत्पाद पर फोटो वाली चेतावनी छापना.
एन जन-स्वास्थ्य हिताशी कानूनों को लागू करने में कोई देरी नही होनी चाहिऐ, ऐसा कहना है शिमला हाई कोर्ट का और अनेकों सामाजिक संगठनों का जिसको भारत सरकार ने एक बार फिर नज़र-अंदाज़ कर दिया है और कानून को लागू करने की तिथि फिर विलंबित कर दी है. ये चौथी बार है कि भारत सरकार ने इसको लागू करने की तिथि तो पुनः विलंबित कर दिया है. पहले हर तम्बाकू उत्पाद पर ये फोटो वाली चेतावनी १ जून २००७ से कानूनन जरूरी हो जानी चाहिऐ थीं.
तम्बाकू से असौतन १० लाख लोग भारत में प्रति वर्ष मृतु को प्राप्त होते हैं. आने वाले बीस सालों में ये तम्बाकू जनित मृतु दर २० लाख तक पहुचने का अंदेशा है. न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण छेत्रों में एवं विशेषकर कि आर्थिक रुप से कम्जूर वर्ग को तम्बाकू का सबसे भ्यावाही प्रकोप झेलना पड़ता है.
ऐसा अनुमान है कि तम्बाकू कम्पनियाँ बड़ी चतुराई से भारत सरकार की नीतियों को अपने बाज़ार के हित में प्रभावित कर लेटी हैं.
तम्बाकू कंपनियों की एवं भारत सरकार की ये जिम्मेदारी बनती है कि जनता तक तम्बाकू से होने वाले तमाम स्वास्थ्य पर कु-प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी दे.
लगता है कि भारत सरकार को तम्बाकू कंपनियों ने बड़ी चतुराई से ये समझा दिया है कि फोटो वाली चेतावनी से तम्बाकू का सेवन करने वालों की संख्या कम हो जायेगी जिसका सीधा असर झेलना पड़ेगा तम्बाकू की खेती करने वाले किसानों को जो बे-रोजगार हो जायेंगे. जब कि तमाम शोध ये सिद्ध करते हैं कि ऐसा नही होगा क्योकि तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों की संख्या में कमी आने वाले २० सालों में धीरे-धीरे आएगी और बढ़ती जन-संख्या से ये प्रभाव और भी कम हो जाएगा.
अनेकों शोध ये भी प्रमाणित करते हैं कि तम्बाकू के उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी लगाने से विशेषकर बच्चों और युवाओं पर, खासकर कि जो पढे लिखे नही हैं, उनको तम्बाकू-जनित कु-प्रभावों के बारे में सही जानकारी मिलेगी.
अनेकों विकास-शील देशों में फोटो वाली चेतावनी को लागो कर दिया गया है, जैसे कि थाईलैंड, सिंगापुर, ब्राजील, चिले, साउथ अफ्रीका एवं अन्य.
भारत के प्रधान मंत्री ने एक उच्च-स्तारिये मंत्रियों का समूह बनाया है जो इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दे. इस मंत्रियों के समूह में शामिल हैं: एक्स्तेर्नल अफेयर्स मंत्री श्री प्रणब मुख़र्जी, पर्लिअमेंतारी अफेयर्स मंत्री श्री प्रियरंजन दासमुंशी, उर्बन देवेलोप्मेंट मंत्री श्री जैपाल रेड्डी, कोम्मेर्स मंत्री श्री कमल नाथ, श्रम एवं रोज़गार मंत्र श्री ऑस्कर फेर्नान्देस, एवं केन्द्रिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ अम्बुमणि रामादोस.
ऐसा अनुमान है कि ये मंत्रियों का समूह तम्बाकू कंपनियों के हित के लिए संवेदनशील होगा, और न कि लोगों के हित के लिए क्योकि उदाहरण के लिए प्रणब मुख़र्जी की संसदिये छेत्र में बीडी उद्योग व्याप्त है, आंध्र प्रदेश जहाँ जो जैपाल रेड्डी का चुनाव छेत्र है, वहाँ भी तम्बाकू की खेती होती है.
हर तम्बाकू उत्पाद पर फोटो वाली चेतावनी लगाने से तम्बाकू का व्यापर एकदम से कम नही हो जाएगा. तम्बाकू कंपनियों के पास और तम्बाकू की खेती करने वाले किसानों के पास काफी समय है या तो किसी और फसल की खेती आरंभ कर ले या किसी और व्यापर में निवेश कर ले.
तम्बाकू जनित मृतु दर को नाकारा नही का सकता.
भारत सरकार से अनुरोध है और आशा भी कि वो जन हित में और जन-स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगी और न कि तम्बाकू कम्पनियों के हित को.
(ये प्रेस विज्ञप्ति डॉ शेखर सलकर, महा-सचिव, नोट