फिल्लिप मौरिस तम्बाकू कंपनी के स्वतंत्र होने पर तम्बाकू महामारी को बिगाड़ने से बचाएं
३० जनवरी २००८ को सम्भावना है कि दुनिया की सबसे बड़ी तम्बाकू कंपनी फिलिप मौरिस या अल्त्रिया अपने अमरीका के भीतर के तम्बाकू व्यापर को अंतराष्ट्रीय तम्बाकू व्यापर को कानूनन रुप से अलग कर देगी। जन-स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकारों के लिए अति-आवश्यक हो गया है कि हर देस अपने स्तर पर कानून व्यवस्था को सख्त करे जिससे कि तम्बाकू कंपनियों को नियंतारिक किया जा सके और कड़ी नज़र रखी जा सके।
"फिल्लिप मौरिस अमरीका और फिल्लिप मौरिस अंतराष्ट्रीय के अलग अलग हो जाने से ये तम्बाकू कंपनी दुनिया भर के युवाओं के लिए खासकर अधिक घातक हो जायेगी" कहना है अन्ना व्हाइट का जो एस्सेंतिअल एक्शन नामक संगठन का नेत्रितिव कर रही हैं। "ये स्वतंत्र फिलिप मौरिस संभवत स्विटजरलैंड में स्थापित होगी और अमरीका के लोगों के प्रति और सरकार के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह नही होगी"।
फिलिप मौरिस की ८० प्रतिशत तम्बाकू व्यापर अमरीका से बाहर के देशों में हैं। इस कंपनी ने पिछले साल ही अपने देसी और विदेसी व्यापर को अलग अलग करने का आह्वान किया था। आज बोर्ड ऑफ़ दिरेक्टोर्स की बैठक में इस बात का निर्णय होने की सम्भावना है.
१५० से अधिक संगठनों ने अनेकों देशों की सरकारों के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये ठी जिसमे विनती की गयी थी कि सरकारें अपन तम्बाकू नियंत्रण कानून को सशक्त करें जिससे कि फिलिप मौरिस के देसी और विदेसी व्यापर के अलग अलग हो जाने से उनके देशों में तम्बाकू महामारी अधिक न बिगड़े। इसके साथ ही इस पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि जिन देशों ने अंतराष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण त्रेअटी (Framework Convention for Tobacco Control (FCTC)) पर हस्ताक्षर एवं अपने संसद से पारित नही किया है, वे हस्ताक्षर आर पारित करें। इस ज्ञापन में लिखी हुई मांगों को यह पढ़ जा सकता है: www.philipmorrisbreakup.org/calltogovs ।
"एक स्वतंत्र फिलिप मौरिस अमरीका के कानून से भी सुरक्षित रहेगी" कहना है अन्ना व्हाइट का।
फिलिप मौरिस के ऊपर अमरीका में कानूनन करवाई होने की सम्भावना बढ़ गयी थी, खासकर कि जब अमरीका के जज ग्लाद्य्स केस्स्लेर ने आदेश पारित किया कि फिलिप मौरिस एवं अन्य तम्बाकू कंपनी भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल बंद करें, जैसे कि 'मिल्ड', लाइट', या 'लो'। जैसे कि फिलिप मौरिस का ब्रांड मर्ल्बोरो लिघ्ट्स पर असर पड़ता. तम्बाकू कंपनियों ने एन शब्दों का इस्तिमाल जम के किया है जिससे लोगों को लगे कि ये ब्रांड से कम खतरा है। तमाम शोधों से ये प्रमाणित होता है कि मिल्ड लाइट या लो वाले तम्बाकू ब्रांड का सेवन करने से तम्बाकू जनित जानलेवा बीमारियों का खतरा कम नही होता है। अक्सर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जज केस्स्लेर ने ये भी आदेश में कहा कि फिलिप मौरिस अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसे भ्रामक शब्दों का इस्तिमाल नही कर सकती है, गौर करें कि यदि फिलिप मौरिस अंतराष्ट्रीय अमरीका के भीतर नही स्थापित होती तो जज केस्स्लेर ऐसा आदेश नही कर सकती थीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार २०३० तक लगभग १ करोड़ लोग तम्बाकू जनित कारन से मृत को प्राप्त होंगे। ये आवश्यक है कि इस तम्बाकू जनित मृतु दर को कम करने के लिए हर मुमकिन प्रयास करना चाहिऐ, जिसमे फिलिप मौरिस एवं अन्य तम्बकोऊ कंपनियों को नियंतारिन करना और उनपर कड़ी निगरानी रखना शामिल है।
३० जनवरी २००८ को सम्भावना है कि दुनिया की सबसे बड़ी तम्बाकू कंपनी फिलिप मौरिस या अल्त्रिया अपने अमरीका के भीतर के तम्बाकू व्यापर को अंतराष्ट्रीय तम्बाकू व्यापर को कानूनन रुप से अलग कर देगी। जन-स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकारों के लिए अति-आवश्यक हो गया है कि हर देस अपने स्तर पर कानून व्यवस्था को सख्त करे जिससे कि तम्बाकू कंपनियों को नियंतारिक किया जा सके और कड़ी नज़र रखी जा सके।
"फिल्लिप मौरिस अमरीका और फिल्लिप मौरिस अंतराष्ट्रीय के अलग अलग हो जाने से ये तम्बाकू कंपनी दुनिया भर के युवाओं के लिए खासकर अधिक घातक हो जायेगी" कहना है अन्ना व्हाइट का जो एस्सेंतिअल एक्शन नामक संगठन का नेत्रितिव कर रही हैं। "ये स्वतंत्र फिलिप मौरिस संभवत स्विटजरलैंड में स्थापित होगी और अमरीका के लोगों के प्रति और सरकार के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह नही होगी"।
फिलिप मौरिस की ८० प्रतिशत तम्बाकू व्यापर अमरीका से बाहर के देशों में हैं। इस कंपनी ने पिछले साल ही अपने देसी और विदेसी व्यापर को अलग अलग करने का आह्वान किया था। आज बोर्ड ऑफ़ दिरेक्टोर्स की बैठक में इस बात का निर्णय होने की सम्भावना है.
१५० से अधिक संगठनों ने अनेकों देशों की सरकारों के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये ठी जिसमे विनती की गयी थी कि सरकारें अपन तम्बाकू नियंत्रण कानून को सशक्त करें जिससे कि फिलिप मौरिस के देसी और विदेसी व्यापर के अलग अलग हो जाने से उनके देशों में तम्बाकू महामारी अधिक न बिगड़े। इसके साथ ही इस पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि जिन देशों ने अंतराष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण त्रेअटी (Framework Convention for Tobacco Control (FCTC)) पर हस्ताक्षर एवं अपने संसद से पारित नही किया है, वे हस्ताक्षर आर पारित करें। इस ज्ञापन में लिखी हुई मांगों को यह पढ़ जा सकता है: www.philipmorrisbreakup.org/calltogovs ।
"एक स्वतंत्र फिलिप मौरिस अमरीका के कानून से भी सुरक्षित रहेगी" कहना है अन्ना व्हाइट का।
फिलिप मौरिस के ऊपर अमरीका में कानूनन करवाई होने की सम्भावना बढ़ गयी थी, खासकर कि जब अमरीका के जज ग्लाद्य्स केस्स्लेर ने आदेश पारित किया कि फिलिप मौरिस एवं अन्य तम्बाकू कंपनी भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल बंद करें, जैसे कि 'मिल्ड', लाइट', या 'लो'। जैसे कि फिलिप मौरिस का ब्रांड मर्ल्बोरो लिघ्ट्स पर असर पड़ता. तम्बाकू कंपनियों ने एन शब्दों का इस्तिमाल जम के किया है जिससे लोगों को लगे कि ये ब्रांड से कम खतरा है। तमाम शोधों से ये प्रमाणित होता है कि मिल्ड लाइट या लो वाले तम्बाकू ब्रांड का सेवन करने से तम्बाकू जनित जानलेवा बीमारियों का खतरा कम नही होता है। अक्सर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जज केस्स्लेर ने ये भी आदेश में कहा कि फिलिप मौरिस अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसे भ्रामक शब्दों का इस्तिमाल नही कर सकती है, गौर करें कि यदि फिलिप मौरिस अंतराष्ट्रीय अमरीका के भीतर नही स्थापित होती तो जज केस्स्लेर ऐसा आदेश नही कर सकती थीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार २०३० तक लगभग १ करोड़ लोग तम्बाकू जनित कारन से मृत को प्राप्त होंगे। ये आवश्यक है कि इस तम्बाकू जनित मृतु दर को कम करने के लिए हर मुमकिन प्रयास करना चाहिऐ, जिसमे फिलिप मौरिस एवं अन्य तम्बकोऊ कंपनियों को नियंतारिन करना और उनपर कड़ी निगरानी रखना शामिल है।