स्थान: शहीद स्मारक, रेसीडेंसी के सामने, लखनऊ
समय: ११-१ बजे
तिथि: ३१ दिसम्बर २०१०
रायपुर के जिला एवं 'सेशन' कोर्ट के निर्णय पर हम सब अत्यंत चिंता व्यक्त करते हैं जिसमें डॉ बिनायक सेन पर राजद्रोह, छल एवं षड़यंत्र रचने जैसे आरोप लगे हैं, और उनको उम्र कैद की सजा सुने गयी है। ये एक और उदहारण है जहां सरकार को झूठे सबूतों के आधार पर एक बेक़सूर व्यक्ति को सजा देने में सफलता मिली है। हम सब, व्यक्तिगत रूप से और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य के रूप में इस निर्णय को अस्वीकार करते हैं।
हम सब, डॉ बिनायक सेन के ऊपर लगाये गए आरोपों का, और उनके लिये कोर्ट द्वारा घोषित सजा का खंडन करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि यह लोकतंत्र पर एक भीषण प्रहार है। हम उम्मीद करते हैं कि उच्च-स्तरीय न्यायालय उनको बिना-विलम्ब रिहा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि न डॉ बिनायक सेन पर और न ही मानवाधिकार आन्दोलन पर कोई और प्रहार हो।
हम सब हर उस प्रयास का समर्थन करेंगे जो डॉ बिनायक सेन को न्याय दिलाने के लिये होगा।
डॉ रमेश दीक्षित - लखनऊ विश्वविद्यालय
डॉ वंदना मिश्रा (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिब्रटीस)
अरुंधती धुरु (जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय - एन-ए-पी-एम)
अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें: अरुंधती धुरु, ९४१५० २२७७२