[English] १. उम्मीदवार की सामाजिक कामों की पृष्ठभूमि होना अनिवार्य होनी चाहिए. चुनाव जीतने या हारने के बाद भी उसे पहले की तरह आम जनता के मुद्दों पर काम करते रहना चाहिए. यानि चुनाव अपने काम के आधार पर ही लड़ा जायेगा.
२. उम्मीदवार कम-से-कम पैसे में चुनाव लड़ेगा, वह कोई दिखावा नहीं करेगा और अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च नहीं करेगा. खर्च जनता से चंदा ले कर पूरा किया जायेगा. हिसाब-किताब में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी.
३. यदि उम्मीदवार जीत जाता है तो उसकी जीवनशैली में पहले की अपेक्षा कोई खास परिवर्तन नहीं आना चाहिए. पहले की ही तरह वह जनता के लिये सुलभ उपलब्ध होना चाहिए.
४. प्रचार ज्यादा-से-ज्यादा जन-संपर्क द्वारा किया जायेगा न कि और खर्चीले तरीके अपना कर.
५. संगठन के कार्यकर्ताओं के पास जो वाहन हैं उन्हीं का इस्तेमाल प्रचार में किया जायेगा.
६. कोई प्रलोभन दे कर किसी का मत नहीं प्राप्त किया जायेगा न ही किसी को किसी किस्म की धमकी दी जाएगी.
७. उम्मेदवार अपनी सुरक्षा के लिये कोई हथियार नहीं रखेगा और न ही जीतने के बाद हथियारों से सुरक्षा की व्यवस्था करेगा.
८. वह अपने प्रचार के लिये कोई पेशेवर लोगों या तरीकों का इस्तेमाल नहीं करेगा. उदहारण के लिये पैसा दे कर अखबारों में खबर छपवाना.
९. चुनाव में जो लोग उसका प्रचार करेंगे उन्हें सहयोग की भावना से ऐसा करना चाहिए न कि पैसा ले कर.
१०. चुनाव जनता के मुद्दों पर लड़ा जायेगा न कि जाति, धर्म, या अन्य इस किस्म के किसी आधार पर.
सी.एन.एस.