सुषमा, जो आशा परिवार के साथ जन मुद्दों पर कार्यरत हैं, वो इस २०१२ विधान सभा चुनाव में लोक राजनीति मंच की ओर से सफीपुर (सुरक्षित), उन्नाव से प्रत्याशी हैं.
सुषमा ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, आंगनवाड़ी की कार्यकुशलता, स्कूल में ‘मिड-डे मील’ या अपराह्न भोजन की गुणात्मकता आदि से जुड़े मुद्दों पर गत वर्षों में कार्य किया है.
कई लोग बिना काम किये मजदूरी ले लेते हैं, या फिर सरकारी कर्मचारी जो काम करने के लिये उनको वेतन मिलता है, उसके लिये घूस मांगते हैं, ऐसे मुद्दों पर सुषमा सक्रियता से अपने क्षेत्र में कार्यरत हैं. सुषमा कहती हैं कि उनको यह समझ नहीं आता कि सरकारी कर्मचारी जैसे कि बी.डी.ओ., स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस आदि क्यों पैसा मांगते हैं जब उनको पूरा वेतन समय से मिलता है. सुषमा का कहना है कि सरकारी कर्मचारी ‘जनता का गुलाम हैं’ और उनको सेवा भाव और इमानदारी से काम करना चाहिए.
सुषमा का कहना है कि यदि वो जीत गयीं तो निर्णय खुली बैठक में लेंगी जिससे जनता की सहभागिता बढ़ सके. यदि वो जीत गयीं तो सुषमा कहती हैं कि जिन मुद्दों पर वो कार्य करेंगी वो भी उन्हें जनता ही बताएगी.
- सी.एन.एस.