नशा और महिला असमानता मुद्दों पर आधारित हैं लखनऊ युवा मनस्वी भवतोष की फिल्में

[English] लखनऊ के युवा लघु-फिल्म-निर्माता मनस्वी भवतोष ने सी.एन.एस. मासिक फिल्म प्रदर्शन में सामाजिक मुद्दों पर लघु-फिल्मों का प्रदर्शन किया और दर्शकों से संवाद में भाग लिया। यह सी.एन.एस. मासिक फिल्म प्रदर्शन इन्दिरा नगर सी-ब्लॉक चौराहे स्थित प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त केंद्र पर आयोजित हुआ था।

मनस्वी भवतोष ने अबतक पाँच लघु फिल्में निर्देशित की हैं जो इस प्रकार हैं: ‘द फेस’, एहसास, ‘आई एम सेवेंटीन आई वाज सेवेंटीन’, कशमकश और फिल्म ‘व्हाई मी’ में वें सहायक निर्देशक रहे हैं. उनहोने नौ फिल्मों और नाटकों में सम्पादन का कार्य किया है और सात फिल्मों/ नाटकों में चल-चित्रकार का कार्य भी किया है।

मनस्वी भवतोष ने मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी भाग लिया है और ‘कन्या भ्रूण हत्या’ की मुद्दे पर ‘आजतक’ टी.वी. द्वारा आयोजित फिल्म प्रतियोगिता में  भी भाग लिया है।

मनस्वी भवतोष ने अपनी शिक्षा गोमती नगर लखनऊ स्थित भारतीय विद्या भवन से ग्रहण की और भोपाल की एम.सी.आर.पी. विश्वविद्यालय से ‘इलेक्ट्रोनिक मीडिया’ में स्नातक की डिग्री हासिल की।  मनस्वी ने माया अकादेमी ऑफ एडवानस्ड सिनेमैटिक से सम्पादन में विशेषता हासिल की।

‘आई एम सेवेंटीन आई वाज सेवेंटीन’ (50 मिनट) – इस फिल्म का निर्देशन, चल-चित्रण, सम्पादन मनस्वी भवतोष ने किया है और यह फिल्म एक युवा की कहानी पर आधारित है जो सत्रहवें साल में कैसे संगत की कारण नशा करने लगता है।

‘व्हाई मी’ (1:50 मिनट) फिल्म का चल-चित्रण और सम्पादन मनस्वी भवतोष ने किया है और फिल्म कन्या-भ्रूण हत्या की विरोध में संदेश देती है

‘सिसकियाँ’ (3:56 मिनट) फिल्म का चल-चित्रण और सम्पादन मनस्वी भवतोष ने किया है और यह देह-व्यापार की विरोध में संदेश देती है

‘एहसास’ (4:11 मिनट) फिल्म का चल-चित्रण और सम्पादन मनस्वी भवतोष ने किया है और नशे की विरोध में संदेश देती है

कार्यक्रम में वरिष्ठ सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील नागरिक श्री नवीन तिवारी, भारतीय विद्या भवन की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती भवतोष, उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट की वकील मनु श्रेस्ठ मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता श्री चुन्नीलाल, सी.एन.एस. ने नदीम सलमानी, रितेश आर्य और बाबी रमाकांत भी शामिल थे।

सी.एन.एस.