एच० आई ० वी० / एड्स के साथ जीवन जी रहे लोगों में टी० बी० के रोकथाम हेतु, टी० बी० वैक्सीन का सफल परिक्षण

एच० आई वी० / एड्स के साथ जीवन जी रहे लोगों में टी० बी० के रोकथाम हेतु, टी० बी०वैक्सीन का सफल परिक्षण

फ्रांस की राजधानी पेरिस में टी० बी० के रोकथाम और जागरूकता को लेकर आयोजित ३९ वी विश्वस्तरीय कार्यशाला में डर्टमाउथ चिकित्सा विश्वविद्यालय, अमेरिका तथा मुहिम्बिली स्वास्थ्य और संयुक्त विज्ञान विश्वविद्यालय, तंजानिया के विशेसग्यों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया की एच० आई ० वी० / एड्स के साथ जीवन जी रहे लोगों में टी० बी० के रोकथाम हेतु टी० बी० के वैक्सीन का सफल परिक्षण कर लिया गया है। टी० बी० , एच० आई ० वी० / एड्स के साथ जीवन जी रहे लोगों में मौत का सबसे बड़ा कारण है, तथा ऐसे लोगों को जो एच० आई ० वी० / एड्स से ग्रसित हैं उनमे टी० बी० की बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

टी० बी० के इस वैक्सीन का शोध दारुशालाम में डाक्टर विलियन मेटी और डाक्टर मिसाली पलान्ग्यो की देख-रेख में चल रहा था। यह शोध कार्यक्रम करीब २००० एच० आई ० वी० / एड्स से ग्रसित व्यक्तियों पर किया जा रहा था। शोध के दौरान जिस भी एच० आई ० वी० / एड्स से ग्रसित व्यक्तियों को यह वैक्सीन दिया गया उनमें टी० बी० के होने का खतरा काफी कम पाया गया।

कार्यशाला के दौरान डाक्टर पलोग्यो का कहना था “ की टी० बी० के इस वैक्सीन की खोज एक बहुत बड़ी उपलब्धी है, इससे उन लोगों में जो एच० आई ० वी० / एड्स के साथ जीवन जी रहे हैं टी० बी० द्वारा होने वाली मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। खासकर सब सहारन अफ्रीकन इलाकों में जहाँ माइक्रो बैक्टीरियम टी० बी० एक सामान्य बीमारी है।

डर्टमाउथ चिकित्सा विश्वविद्यालय, अमेरिका के डाक्टर फोडे वां रेयान जो इस शोध के प्रमुख थे ने बताया “ की टी० बी० की बीमारी के होने का खतरा उन लोगों में सबसे ज्यादा है जो एच० आई ० वी० / एड्स से ग्रसित हैं इस वजह से शोध के दौरान शोध कर्ताओं ने इस बात पर ध्यान ज्यादा दिया की टी० बी० की वैक्सीन का सफलतम प्रयोग एच० आई ० वी० / एड्स से ग्रसित लोगों के लिए पहले हो और हमें इस बात की हार्दिक प्रसन्नता है की हम इसमें सफल रहे।”

टी० बी०के इस वैक्सीन का शोध कार्य वर्ष २००१ में अम्रीका की राष्ट्रिय स्वस्थ्य संसथान की शाखा राष्ट्रिय एलर्जी और संक्रमित रोग संसथान द्वारा शुरू किया गया था। कार्यशाला के दौरान उपस्थित डाक्टरों तथा स्वास्थ्य कर्ताओं ने टी० बी० वैक्सीन के इस सफलतम परिक्षण की काफी सराहना की। तपेदिक रोग तथा फेफडे से सम्बंधित बिमारियों पर बने विश्वव्यापी संगठन के कार्यकारी निदेशक डाक्टर नील्स बिल्लो का कहना था की दुनिया में इस वक्त करीब १ करोड़ ४० लाख लोग टी० बी० तथा एच० आई ० वी० से संक्रमित हैं ऐसे में टी० बी० वैक्सीन की खोज जन स्वास्थ्य की दिशा में निश्चय ही एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

मेरी ख़बर में प्रकाशित