www.XDRTB.org वेबसाइट: संदेश फैलाएं और टीबी या तपेदिक को रोकें

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'टेड पुरुस्कार २००७ विजेता के विजेता प्रख्यात छायाकार जेम्स नाच्त्वेय ने तस्वीरों के माध्यम से एक्स्तेंसिवेली (अत्याधिक) दवा-प्रतिरोधक टीबी (XDR-टीबी) से ग्रसित लोगों की मार्मिक वस्तिविकता प्रर्दशित की है। इन तस्वीरों में कम्बोडिया से ले कर रूस तक और अफ्रीका, दक्षिण अमरीका और अन्य एशिया के देशों में अत्याधिक दवा-प्रतिरोधक टीबी से झूझ रहे लोगों के जीवन की झांकी प्रस्तुत की है - यह नि:संदेह मेरे जीवन में एक सबसे मर्म प्रदर्शनी है जो केवल टीबी या तपेदिक के लिये मुझे सचेत कर देती है बल्कि दवा-प्रतिरोधक टीबी की भयावाही सच्चाई भी सामने रख देती है।

उम्मीद है कि इस अभियान को समर्थन मिलेगा और अन्य संस्थाएं, सरकारें और आम लोग भी इससे जुड़ेंगे और जागरूकता की मुहीम को अधिक सक्रियता के साथ आगे बढ़ायेंगे।

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टेड' पुरुस्कार एक विशेष पुरुस्कार हैं जहाँ लोगों को 'एक इच्छा जो दुनिया बदल दे' कहने का अवसर मिलता है। यदि पैनल को यह इच्छा वास्तविक लगा तो विजेता को अमरीकी डालर १००,००० मिलता है जिससे कि वह इस इच्छा को हकीकत में परिवर्तित कर सके।

तपेदिक या टीबी के इलाज के लिए ४ दवाओं की जरुरत होती है। यदि यह दवाएं समय पर न ली जाएँ या दवा लेने में नागा हो जाए या अन्य किसी कारण से इलाज पूरी अवधि तक न लिया जाए तब इन ४ में से कुछ दवाओं से प्रतिरोधकता विकसित हो सकती है जिससे पश्चात् यह दवाएं इस रोगी पर असरकारी नहीं रहतीं। यदि टीबी या तपेदिक के लिए २ सबसे अधिक प्रभावकारी दवाओं से (इसोनिअजिद और रिफम्पिसिन) प्रतिरोधकता विकसित हो जाए, तो इस स्थिति को मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या ऍम.डी.आर टीबी कहते हैं।

एक्स्तेंसिवेली या अत्याधिक प्रतिरोधक टीबी या एक्स.डी.आर टीबी की स्थिति में इसोनिअजिद और रिफम्पिसिन - २ सबसे अधिक प्रभावकारी टीबी की द्वयों के साथ-साथ रोगी कम-से-कम ३ अन्य टीबी की दवाओं के समूह से प्रतिरोधकता विकसित कर लेता है। टीबी के इलाज के लिए ६ समूह में दवाएं होती हैं, और इनमें से किसी भी ४ समूह से एक-एक दवा से इलाज सम्भव है। यदि रोगी ३ समूह की दवाओं सेस प्रतिरोधकता विकसित कर लेता है तो इलाज के लिए नि:संदेह ४ दवाएं बचती ही नहीं।

अकसर अत्यधिक दवा प्रतिरोधक टीबी की जांच की रपट आने से पहले ही चाँद हफ्तों में ही रोगी दम तोड़ देते हैं। और इससे भी चिंताजनक बात यह है कि अत्यधिक दवा प्रतिरोधक टीबी या एक्स्तेंसिवेली ड्रग रेसिस्तंत टीबी की जांच की मशीनें हर जगह उपलब्ध हैं ही नहीं। इसीलिए अभी तक मात्र ४९ देशों में एक्स.डी.आर टीबी या अत्यधिक दवा प्रतिरोधक टीबी पायी गई है। उदाहरण के तौर पर अफ्रीका के गिनती के देशों में ही जांच की सुविधा उपलब्ध है, और जिसे देश में जांच सुविधा उपलब्ध है उस देश में एक्स.डी.आर टीबी पायी गई है। अन्य देशों में हालाँकि एच.आई.वी या एड्स का अधिक अनुपात होने के कारण और स्वस्थ्य व्यवस्था जर्जर होने की वजह से भी दवा-प्रतिरोधकता विकसित होने की सम्भावना प्रबल है, परन्तु इन देशों में अत्यधिक दवा प्रतिरोधक टीबी की जांच की सुविधा उपलब्ध है ही नहीं।

एक्स.डी.आर टीबी की रोकधाम के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है कि दवा-कारगर टीबी की रोकधाम के कार्यक्रम सुधारें जाए कि प्रतिरोधकता विकसित ही न हो। इसके साथ साथ टीबी की नई जांच के लिए, दवाओं के लिए और वैक्सीन के लिए भी शोध होते रहना चाहिए। उम्मीद है कि जेम्स नाच्त्वेय की यह प्रदर्शनी और अभियान प्रबल तरीके से प्रभावकारी रहेंगे।

(मेरी ख़बर में ८ अक्टूबर २००८ को प्रकाशित - पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक कीजिये)