तम्बाकू किल्ल्स समाचार बुल्लेतिन: अंक ३२३

तम्बाकू किल्ल्स समाचार बुल्लेतिन: अंक ३२३

Indian Society Against Smoking (तम्बाकू नियांतरण के लिए भार्तिये संगठन)
एवं

Citizen News Service के संयुक्त प्रयास से प्रकाशित

संछेप में समाचार:

इस हफ्ते तम्बाकू नियांतरण से जुड़े हुए दो मुख्य समाचार प्रमुख रहे:

१) भारत सरकार के group of ministers (GoM) या मंत्रियों का समूह जो तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी पर विचार कर रहा था, उसने निर्णय लिया की तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली वार्निंग ५०% से घाट कर मात्र ३०% पैकेट पर छपी जाए, और डरावनी भयानक कैंसर रोगी की तस्वीर या मुर्दे की खोपडी आदि के बजे बिच्छु की तस्वीर लगाई जाए. तम्बाकू नियांतरण में लगे अनेको कार्यकर्ताओं ने इसका जबरदस्त विरोध किया है और उनका कहना है की भारत सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य के प्रति बड़ी भूल की है.

२) विश्व में पहली बार एक अंतराष्ट्रीय शोध संपन हुआ की गर्भवती महिलाओं में तम्बाकू सेवन का क्या डर है – धूम्रपान, चबाने वाली तम्बाकू और परोक्ष धूम्रपान. इस शोध में चौकाने वाले तथ्य सामने आए, जैसे की विकासशील देशों में गर्भवती महिलाओं में तम्बाकू सेवन का डर अपेक्षा से कही ज्यादा निकल के आया.

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'Mild pics on tobacco products won't work'

तम्बाकू उत्पादनों पर हलकी फोटो वाली चेतावनी कारगर नही रहेंगी

प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पीटीआई), २८ फरवरी २००८

समाचार के कुछ अंश:

मंत्रियों के समूह का तम्बाकू उत्पादनों पर असर्दायक फोटो वाली चेतावनी को अनुमति नही देना, अवसरवादी राजनीति को साफ ज़ाहिर करता है. ये खेद का विषय है की बढ़ते हुए तम्बाकू जनित मृत्यु डर मंत्रियों के समूह पर कोई प्रभाव नही दाल सका” कहा डॉ शेखर सलकर ने, जो नोट इंडिया (National Organization for Tobacco Eradication) के महासचिव हैं.

“मंत्रियों के समूह ने दो फोतोवाली चेतावनी को पारित किया है: एक बिच्छु की तस्वीर जो कैंसर का चिन्ह है, और फेफडे के कैंसर के मरीज की क्ष-राय प्लेट”

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'Scorpion sign on cigarette packs not enough as deterrent'

'तम्बाकू सेवन को रोकने में बिच्छु की तस्वीर कारगर नही रहेगी'

आईएएनएस, २७ फरवरी २००८

समाचार के कुछ अंश:

“लघु-कालीन राजनितिक लाभ के लिए राजनेताओं ने लोगों के स्वास्थ्य हितों को दरकिनार कर दिया” कहना है डॉ शेखर सलकर का

“तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी का साइज़ ३०% होगा और न की स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले प्रस्तावित ५०%”

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Researchers Conduct First Global Study of Pregnant Women's Exposure to Tobacco

गर्भवती महिलाओं में तम्बाकू सेवन पर शोधकर्ताओं ने पहली अंतर्राष्ट्रीय study की

जेस्सिका बर्मन, वौइस् ऑफ़ अमेरिका

२९ फरवरी २००८

समाचार के कुछ अंश

गर्भवती महिलाओं में तम्बाकू सेवन का दर अपेक्षा से कही ज्यादा शोध में निकल के आया. धूम्रपान, चबाने वाली तम्बाकू और परोक्ष धूम्रपान से गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव पर ये पहला अन्तर-राष्ट्रीय शोध है. विकास-शील देशों की महिलाओं पर और उनके बच्चों पर इसके कु-प्रभाव पड़ते हैं.

भारत में लगभग / गर्भवती महिलाएं चबाने वाली तम्बाकू का सेवन करती हैं, ऐसा इस शोध में निकल के आया.

पाकिस्तान में ५० प्रतिशत गर्भवती महिलाएं परोक्ष धूम्रपान के कु-प्रभाव झेलती हैं.

जो महिलाएं गर्भावस्था में तम्बाकू का सेवन करती हैं, उनमें प्रसव्पीदा जल्दी होने की सम्भावना होती है और नवजात शिशु का वजन भी कम होता है. तम्बाकू सेवन से सुद्दें इन्फंत डेथ सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है.

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ईमेल: tambakoo.kills@gmail.com