अपील: परमाणु शक्ति के विरोध में अनिश्चितकालीन अनशन का ६ठा दिन

अपील: परमाणु शक्ति के विरोध में अनिश्चितकालीन अनशन का ६ठा दिन

नर्मदा बचाओ आन्दोलन और जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) द्वारा छात्रों के परमाणु शक्ति के विरोधमें अनिश्चितकालीन अनशन का समर्थन


ये एक अपील है जिसके द्वारा हम केरला के छात्रों द्वारा १० मार्च से अनिश्चितकालीन अनशन का समर्थन करते हैं.ये अनशन दिल्ली में जंतर मंतर पर भारत-अमरीका परमाणु संधि के विरोध में हो रहा है. छात्रों की मांग है कि भारत-अमरीका परमाणु संधि पूरी तरह से निरस्त कर दी जाए, और परमाणु उर्जा, जो की एक विनाश-पूर्ण और खतरनाक उर्जा का विकल्प है, उसको भी भारत अपनाना बंद करे.

भारत और अमरीका के बीच परमाणु संधि का मोटा ढांचा और प्रारंभिक विचार-विमर्श भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के कार्यकाल में हुआ था और बाद में कांग्रेस के नेतृत्व में UPA सरकार के कार्यकाल में इस पर रफ़्तार से कार्य संपन हुआ और संधि को अंजाम दिया गया. हालांकि संभवत लेफ्ट पार्टियों के दबाव में और अन्य सामाजिक संगठनों के भीषण प्रतिरोध के कारणवश ये संधि फिलहाल निलंबित कर दी गई है.

भारत-अमरीका परमाणु संधि एक संवेदनशील बिन्दु पर है क्योकि अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश इसको अपने कार्यकाल खत्म होने के पहले ही लागु करना चाहते हैं.

International Atomic Energy Association (IAEA) या अन्तर-राष्ट्रीय परमाणु उर्जा संस्थान भारतीय सरकार (UPA) के साथ इस संधि पर निरंतर विचार-विमर्श करती रही है कि कैसे इसको लागु किया जाए, और हाल में UPA नेताओं के NDA नेताओं के साथ इस मुद्दे पर एक सहमति बनाने के प्रयास से साफ जाहिर है कि तमाम जन-संगठनों के इस संधि के विरोध में प्रदर्शन को नजरंदाज़ किया जा रहा है.

परमाणु उर्जा आरंभ से ही विनाशकारी रही है और आर्थिक रूप से भी अव्यवहारिक, चाहे वो जादुगोडा में उरानियम की खुदाई हो, या कोटा के परमाणु उर्जा के प्लांट हों.

बिना किसी भी जन सहमति के और सार्वजनिक बहस के भारत सरकार इस परमाणु संधि को लागु करने पर उतारू है ये भले भांति जानते हुए कि इससे भारत महाद्वीप की स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकती है और विदेशी ताकतों की दखालान्दजी भी बढ़ सकती है. ये नि:संदेह सराह्नीये तथ्य है कि छात्रों और युवाओं द्वारा इस अमरीका-भारत परमाणु संधि के विरोध में प्रदर्शन आयोजित हो रहा है. ये खेद का विषय है कि सरकार इस मुद्दे के प्रति ध्यान नही दे रही है.

दिव्या, कृपा, टोमी जैकब, अब्दुल रहमान, सजी मठेव और राम्जिया रहमत अपने अनिश्चितकालीन अनशन के ५वे दिन पर हैं. आवश्यकता है कि हम लोग उनका समर्थन और सहयोग करें. आप लोगों से गुजारिश है कि भारत के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, और UPA की अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखें, सम्पर्क जानकारी नीचे दी गई है.

हमारी ये भी मांग है कि इन युवाओं पर जो अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं, भारत सरकार कोई जोर-जबरदस्ती न करे. अधिक जानकारी के लिए, ईमेल: sanpindia@gmail.com या फ़ोन: ०९९९०१६६९७५ कीजिये.


मेधा पाटकर, आशीष मंडलोई, कमला यादव, योगिनी खानोलकर, कैलाश अवस्य


लिखें:

श्रीमती प्रतिभा पाटिल
राष्ट्रपति

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श्रीमती सोनिया गाँधी
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