भारत सरकार ने शराब के विज्ञापन पर बंदी सख्ती से लागु करने का आह्वान किया

भारत सरकार ने शराब के विज्ञापन पर बंदी सख्ती से लागु करने का आह्वान किया

(ये खबर The Hindu अखबार में १८ मार्च २००८ को छपी है, नीचे अनुवाद करने का प्रयास किया गया है. मौलिक अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहा क्लिक्क करें )

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नयी दिल्ली: भारत सरकार ने निर्देश के जरिये देश भर में शराब और तम्बाकू उत्पादनों के हर प्रकार के विज्ञापन पर रोक लगाई है, भले ही वो छपने वाली मीडिया में हो, इलेक्ट्रोनिक (रेडियो, टी वी आदि) में हो या अन्य प्रकार के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष विज्ञापन हो).

सूचना और प्रसार मंत्री पी आर दस्मुंसी ने लोक सभा को लिखित रूप से सूचित किया कि:

"ये नोटिस २५ फरवरी २००८ को जारी किया गया था, जब केबल टेलीविज़न नेटवोर्क रूल १९९४ को संशोधित किया गया था, जिसमे ये स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि शराब और तम्बाकू के हर प्रकार के उत्पादन के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर कानूनन रूप से रोक लगाई जाये"

उनके अनुसार, "यदि इस विज्ञापन बंदी का उलंघन हो तो केबल टेलीविज़न नेटवोर्क अधिनियम १९९५ के रूल के तहत कानूनन करवाई होनी चाहिऐ"

मंत्री दस्मुंसी के अनुसार, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया के पत्रकारों के लिए प्रेस काउंसिल एक्ट १९८७ के अर्तिक्ले १३ (२) (बी) के तहत, "कोई भी ऐसा विज्ञापन प्रकाशित नही होना चाहिऐ जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तम्बाकू या किसी भी नशीली वस्तु को बढावा मिलता हो"

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(ये खबर The Hindu अखबार में १८ मार्च २००८ को छपी है, नीचे अनुवाद करने का प्रयास किया गया है. मौलिक अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहा क्लिक्क करें )

फोटो: www.villageeap.com