The Cigarette and other tobacco products Act (2003) या सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम (२००३) के तहत और अनेकों जन-स्वास्थ्य नियमों के बाद भी फिल्मों में तम्बाकू सेवन का प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. यहा तक कि भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ अंबुमणि रामादोस ने कई बार फिल्मी कलाकारों से निवेदन किया है, मगर फिल्मी कलाकार न केवल डॉ रामादोस के निवेदन को नज़रंदाज़ कर रहे हैं बल्कि भारत के सिगरेट और अन्य तम्बाकू अधिनियम (२००३) का खुला उलंघन कर रहे हैं.
यहा तक कि कोर्ट ने अमिताभ बच्चन के ख़िलाफ़ करवाई को निरस्त कर दिया. अमिताभ बच्चन ने फमिली फिल्म में सिगार पिया था और उसके बैनर पोस्टर देश भर में लगे हुए थे. गोया की नोट इंडिया संस्थान ने और लखनु की इंडियन सोसिएटी अगेंस्ट स्मोकिंग ने अमिताभ बच्चन के तम्बाकू अधिनियम का उलंघन करने के लिए कानूनी नोटिस भी जारी की थी और नोट इंडिया ने कोर्ट में अपील भी दाखिल की परन्तु उसको खारिज कर दिया गया.
डॉ रामादोस ने एक बार फिर फिल्मी कलाकारों से निवेदन किया है कि वो सिनेमा परदे पर तम्बाकू, शराब और जंक फ़ूड आदि का सेवन न करे क्योकि बच्चों युवाओं पर बुरा असर पड़ता है और ये प्रमाणित हो चुका है कि फिल्मी कलाकारों को देख के बच्चे युवा अक्सर इन नशीले पदार्थों का सेवन आरंभ कर देते हैं.
भारत में ८० प्रतिशत फिल्मों में तम्बाकू सेवन दिखाया जाता है, डॉ रामादोस ने कहा.
डॉ रामादोस ने कहा की यदपि भारत में दुनिया का एक बढ़िया तम्बाकू नियांतरण अधिनियम है परन्तु इसको लागु नही किया जा रहा है.
डॉ रामादोस के अनुसार अब स्कूली अध्यापकों को, अन.सी.सी. कादेतों को और सामाजिक संस्थाओं को भी तम्बाकू नियंतरण में सक्रिए किया जाएगा. तम्बाकू नियंतरण को स्कूली पढाई में भी शामिल करने की योजना है.