तम्बाकू विज्ञापनों का भ्रामक जाल


तम्बाकू विज्ञापनों का भ्रामक जाल

जहाँ कई देशों में एक तरफ़ तम्बाकू और तम्बाकू उत्पादनों पर रोक लगाने के लिए अभियान तेज किए जा रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर तम्बाकू कम्पनियाँ तरह-तरह के लुभावने विज्ञापनों द्वारा युवाओं को इस नशीले पदार्थ की तरफ़ आकर्षित करने में जी-जान से जुटी हुई हैं। ग्लैमर, फैशन, लाइफस्टाइल आदि का झूठा प्रभाव दिखाने जैसे विज्ञापनों द्वारा तम्बाकू उत्पादों वाली कम्पनियाँ युवाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहीं हैं। यह बात निकल कर आई है मुंबई में चल रहे १४ वें विश्व स्वास्थ्य अथवा तम्बाकू सम्मलेन में।

सम्मलेन में आए विश्व स्वास्थ्य संगठन के पुरस्कार से सम्मानित श्री बाबी रमाकांत का कहना था, कि तम्बाकू कंपनिया अपने भ्रामक विज्ञापनों द्वारा युवाओं को अपनी और आकर्षित करती हैं, क्योंकि ये युवा ही इनके सबसे बड़े ग्राहक हैं।’

इस सम्मलेन का आयोजन ६ से १२ मार्च तक देश की आर्थिक महानगरी मुंबई में किया जा रहा है, जिसमे दुनिया भर के जन स्वास्थ्य संगठन संगठनो के प्रतिनिधि जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन , भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व बैंक आदि भाग ले रहे हैं। सम्मलेन की खासियत यह है कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए युवा वर्ग भी इसमे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहा है।

इसका आयोजन गैर सरकारी जन स्वास्थ्य संगठन 'सलाम बॉम्बे' और 'ह्रदय- शान ' संयुक्त रूप से कर रहे हैं।

पूनम

लेखिका वरिष्ट पत्रकार हैं और यह रिर्पोट उन्होंने सम्मलेन से लिखी है।