नरेगा (NREGA) में खुदाई के मानक की प्रधान ने उड़ाई धज्जियां
नरेगा (NREGA) के तहत चल रहे कार्य में ग्राम पंचायत मंधना बगदौधी बांगर के ग्राम प्रधान राजू दिवाकर ने खुदाई के मानक की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। ग्राम पंचायत मंधना बगदौधी बांगर के रामनगर मजरा में पिछले कुछ दिनों से नरेगा (NREGA) के तहत 35 मजदूरों द्वारा तलाब खुदाई का काम किया जा रहा है। कई दिनों से प्रधान मजदूरों से 80 से 90 फुट मिट्टी खोद कर करीब 120 फुट दूर फेंकने के लिए दबाव बना रहा था। कल 25 अगस्त को जब मजदूर काम पर पहुंचे तब प्रधान ने उनसे कहा कि अगर 80 से 90 फुट मिट्टी खोदोगे तभी काम होगा नहीं तो आज से काम बन्द। मजदूरो ने कहा कि जब ग्राम्य विकास विभाग ने 72 से 75 घन फुट मिट्टी निकाल कर 50 फुट दूर तक मिट्टी फेंकने का मानक तय किया हुआ है, तब आप मानक क्यों बदल रहे हैं। हम लोग इसी मानक पर काम करेगें। प्रधान राजू दिवाकर ने तालाब का काम बन्द करके मजदूरों को कह दिया कि आज से अब काम बन्द अब कोई काम नहीं होगा। अगर तुम लोग 80 से 90 फुट काम करोगे तभी अब काम मिलेगा नहीं तो किसी को कोई काम नहीं मिलेगा। जिससे चाहो जाकर हमारी शिकायत कर दो मगर मै काम नहीं दूंगा। उस तलाब में नरेगा (NREGA) के तहत काम कर रहे मजदूर राम कुमार कुरील और उनके साथियों ने यह भी बताया कि यहां पर कराये जा रहे कार्य में भ्रष्टाचार के साथ-साथ बहुत अनियमिततायें बरती जा रही है। नरेगा (NREGA) के तहत कराये जा रहे काम में अपने गांव में मेट के होते हुए भी उनको मेट का काम न देकर दूसरे ग्राम पंचायत के आदमी को मेट पर रखते हैं। 20 दिन काम के हो जाने के बावजूद अभी तक मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। कार्य स्थल पर न दवा न पानी कोई सुविधा नहीं रहती है। कार्य स्थल पर कार्य के दौरान मस्टर रोल भी नहीं रखा जाता है। प्रधान राजू दिवाकर ने करीब 25 फर्जी जाब कार्ड बनाकर रखे हैं | जो कभी काम करने नहीं आते हैं उनके नाम पर नरेगा (NREGA) का काम दिखाकर उन्हे कुछ पैसे देकर सारा प्रधान अपने पास रख लेता है। मजदूर राम कुमार कुरील ने दो व्यक्तियों श्री कान्त चैहान और रज्ज्न सिंह के बारे में बताया कि प्रधान ने इनके नाम पर फर्जी जाब कार्ड बनाकर रखे है और इनके नाम पर भुगतान करते है जबकि ये लोग आज तक कभी नरेगा (NREGA) में काम नहीं किये है। सभी मजदूर मिलकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ने का तय किया है और अपना हक लेने के लिए संघर्ष करने का तय किया है। आज एक तरफ जहां सरकारें आम जन मानस के दबाव के आगे नरेगा (NREGA) कानून में और सहूलियत लाने के साथ-साथ नरेगा (NREGA) में काम के 100 दिन से बढ़ा कर 365 दिन करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ राजू दिवाकर जैसे भ्रष्ट प्रधान आम जनता के पसीने की कमाई को लूटकर अपना पेट भरने की जुगत लगा रहे हैं।रिपोर्ट : महेश और शंकर सिंह
"आशा परिवार"कानपुर
(लेखक: आशा परिवार जन संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता और सी.एन.एस के स्तम्भ लेखक हैं |)