कुशी नगर जिले में प्रधान ने किया ५५ लाख का घोटाला, इसे उजागर करने वाले को पहुंचा दिया मौत के करीब !
चुन्नीलाल
३० अगस्त, २००९ को बाजार से लौटते समय जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय से जुड़े सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री कन्हैया पाण्डेय पर ग्राम पंचायत गौरखोर ब्लाक फाजिलनगर, के ग्राम प्रधान गौतम लाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला किया | लाठी डंडों से इतना मारा कि नाक की हड्डी टूट गई और सिर फूट गया तथा पूरे शरीर पर लाठियाँ चलाई, जो अब जिला हॉस्पिटल कुशीनगर में मौत से लड़ रहे हैं | हालत गम्भीर है, बचने की उम्मीद कम |
इस घटना को अंजाम तक पहुँचाने की कोशिश में ग्राम प्रधान गौतम लाल ने ग्राम विकास का ५५ लाख रूपये का घोटाला किया | यह घोटाला तब उजागर हुआ जब जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम २००५ के तहत ग्राम पंचायत गौरखोर के विकास पर खर्च किये गए सरकारी धन का हिसाब-किताब माँगा | गांव के विकास के नाम पर खर्च किया गया सरकारी धन केवल कागजों तक ही पहुंचा था और कागजों पर ही गांव का विकास हो गया | गांव के विकास का पैसा ग्राम प्रधान ने केवल अपने विकास में खर्च किया था |
५५ लाख के घोटाले की जाँच ग्रामीण उच्च अधिकारियों से कराने की मांग को लेकर "एन.ए.पी.एम." के राज्य समन्वयक केशव चंद बैरागी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने ५ दिवशीय धरना ग्राम पंचायत गौरखोर की ब्लाक फाजिलनगर पर शुरू कर दिया | यह धरना २१ अगस्त २००९ से २५ अगस्त २००९ तक ब्लाक पर चलता रहा | ५ दिनों में किसी सरकारी अधिकारी,कर्मचारी ने इन लोगों की सुध नहीं ली | जब ५ दिन के बाद भी किसी अधिकारी के कान पर जूं नहीं रेंगी तब यह धरना जिलाधिकारी कुशीनगर के आवास पर पहुँच कर भूख हड़ताल में बदल गया |
२५ अगस्त, २००९ से केशव चंद बैरागी के साथ कन्हैया पाण्डेय, पौहारी सिंह, कृष्ण, नसरुल्लाह और तमाम ग्रामीणवासियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दिया | चार दिन बाद यानि 29 अगस्त,२००९ को मौके पर पहुँचे जिलाधिकारी कुशीनगर, एस.डी.एम. व अन्य अधिकारियों ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को जाँच का आश्वासन देकर भूख हड़ताल ख़त्म करवाई थी | सभी ग्रामीण इस बात से ख़ुशी थे कि हमने अपने हक़ के लिए लड़ाई लड़ी है और अब इस घोटाले की जाँच होगी |
यह क्या था ? जाँच अभी शुरू नहीं हुई कि कातिलाना हमला शुरू हो गया | ३० अगस्त,२००९ की शाम ब्लाक फाजिल नगर की बाजार से लौटते समय ग्राम प्रधान और उसके साथियों ने जाँच घोटाले की जाँच कराने की आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैया पाण्डेय पर जान लेवा हमला कर दिया | कन्हैया पाण्डेय इस समय जिला हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं | फिर कानून ग्राम प्रधान को दोषी नहीं ठहरा रहा है उल्टे कन्हैया पाण्डेय पर ही एस.सी.एस.टी. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की सोंच रहा है |
अब देखना यह है कि समाज के इन सेवकों को न्याय कौन दिलाता है ?
कौन वसूल कर्ता है ग्राम विकास के घोटाले का धन ? ग्राम प्रधान से !
लेखक - आशा परिवार एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय से जुड़कर शहरी झोपड़-पट्टियों में रहने वाले गरीब, बेसहारा लोगों के बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं तथा सिटिज़न न्यूज़ सर्विस के घुमंतू लेखक हैं|
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