युवा कार्यकर्ता एवं मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावकारी ढंग से अंकुश लगाने के लिये लोकपाल बिल आवश्यक है। लोकपाल बिल जो शिकायत पर संवैधानिक रूप से समय-अवधि के अन्दर ही सजा दिलाने की वादा करता है - उसको पारित होने के लिये अरविन्द केजरीवाल ने जन आन्दोलन को सशक्त करने की मांग की। बिना लोकपाल बिल जैसी नीतियों के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना मुश्किल है - और - भ्रष्ट अधिकारियों एवं जन-प्रतिनिधियों को सजा दिलवाना भी बहुत जटिल कार्य है।
केजरीवाल ने सभी उपस्थित से कहा कि मोबाइल नंबर ९२२५५-९२२५५ पर एक एस०एम०एस० भेज कर लोग भ्रष्टाचार के विरोध में अपना वोट दर्ज करें।
केजरीवाल ने कहा कि हम सरकारी योजनाओं को लागू करने वाले एजेंट नहीं हैं। यदि सभी सरकारी योजनाओं को इमानदारी से लागू किया जाये तब भी अपेक्षित बदलाव नहीं होगा - गरीबी नहीं हटेगी, बेरोज़गारी नहीं हटेगी। जब तक ग्राम सभाओं को ताकत नहीं है, बदलाव नहीं आ सकता।
केजरीवाल ने कहा कि हर महीने किसी पूर्व-निश्चित दिन पर क्यों नहीं ग्राम सभा की खुली बैठक हो सकती जिसमें आम नागरिक स्वतंत्र रूप से हिस्सा ले सके। इन्ही बैठक में आय-व्यय भी सार्वजनिक करना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि ये तय आपको करना है कि आप सरकार के दलाल बनोगे या जनता के सेवक बनोगे।
आखिर भ्रष्टाचार को कैसे रोका जाए? केजरीवाल ने संगीन प्रश्न खड़े किये कि जो संस्थाएं भ्रष्टाचार को रोकने के लिये हैं, उदाहरण के तौर पर जैसे कि सेंट्रल विजिलेंस कमिटी (सि०वि०सि०) सिर्फ सरकार को सलाह दे सकती है, और कोई भी कारवाई नहीं कर सकती। केजरीवाल ने भूतपूर्व सी0वि0सि० से साक्षात्कार के बारे में बताया कि पिछले ५ सालों में उस सी०वि०सि० ने जिन सरकारी अधिकारियों को निलंबित से ले के जेल तक की 'सलाह' दी उन सबको सरकार ने सिर्फ 'चेतावनी' दे कर छोड़ दिया है। इसी तरह सी०बी०आई० भी कोई जांच तब तक नहीं कर सकती है जब तक सरकार की सहमती न प्राप्त हो।
अरविन्द केजरीवाल लखनऊ में हो रहे पंचायती राज सम्मेलन में व्याख्यान दे रहे थे। पंचायती राज सम्मेलन को लोक राजनीति मंच ने आयोजित किया था जिसमें दो दर्जन से अधिक जन-प्रतिनिधि एवं सौ से अधिक राजनीतिक कार्यकर्ता आये थे।
बाबी रमाकांत - सी.एन.एस.