पंचायती राज सम्मेलन में दो प्रमुख मुद्दे उठे: पहला तो यह कि पंचायत के प्रमुख एवं सदस्य सभी फैसले (आय-व्यय भी शामिल है) खुली बैठक में रखे, जिसमें आम नागरिक भी भाग ले सके, और दूसरा यह कि भारतीय संविधान के आर्टिकल २४३ के तहत जो 'ग्राम स्वराज्य' का वादा किया गया है, उसको लागू किया जाए।
पंचायती राज सम्मेलन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में २० फरवरी २०११ को लोक राजनीति मंच के तत्वावधान में कॉमन हाल, दारुल शफा, में संपन्न हुआ। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द मूर्ति ने कार्यक्रम का आरंभ किया। साथियों ने "तिरंगा उड़ाते बहुत साल बीते" गीत गा के पंचायती राज सम्मेलन का आरंभ किया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं मग्सेसे अवार्ड से पुरुस्कृत डॉ० संदीप पाण्डेय ने पंचायती राज सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य रखे और कार्यक्रम विस्तार से बताया।
सौ से अधिक प्रतिभागियों ने एवं दो दर्जन से अधिक जन-प्रतिनिधियों ने इस पंचायती राज सम्मेलन में भाग लिया।
पंचायती राज सम्मेलन का पहला सत्र संचालन वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और लोक राजनीति मंच से सम्बंधित केशव चंद ने किया। इस प्रथम सत्र में व्याख्यानमाला का आरंभ दिल्ली विश्वविद्यालय एवं लोक राजनीति मंच से सम्बंधित डॉ० अजीत झा से हुआ। पंचायतें अपने आप में मजबूत हों, इसके अलावा लोकतंत्र स्थापित करने का कोई और विकल्प नहीं है। डॉ झा ने कहा कि पंचायत की चर्चा हमारे लोकतंत्र के केंद्र में होनी चाहिए।
आज़ादी बचाओ आन्दोलन के डॉ० बनवारी लाल शर्मा ने भी पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित किया। डॉ० शर्मा ने कहा कि जब तक उद्योगों को, खासकर कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को, जवाबदेह नहीं ठहराया जायेगा, तब तक न ही भ्रष्टाचार कम होगा और न ही लोकतंत्र सही मायनों में कायम हो सकेगा। बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही जन-प्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर के और जल-जंगल-जमीन एवं खनिज आदि को बचाने वाले सभी नियम-कानून को दर-किनार कर के आम लोगों को शोषित करती आई हैं। पंचायतों को मजबूती से इन ताकतों का सामना करना पड़ेगा।
डॉ शर्मा ने कहा कि जल-जंगल-जमीन पर जो कब्ज़ा हो रहा है, उसको तोड़े बिना व्यवस्था नहीं बदलेगी।
पंचायती राज सम्मेलन के समापन की ओर जन-प्रतिनिधियों ने शपथ ली कि वो भ्रष्टाचार नहीं करेंगे, अपनी सुरक्षा के लिये अस्त्र-शास्त्र नहीं रखेंगे, पंचायत के सभी फैसले खुली बैठक में लेंगे जहां आम जन-मानस स्वतंत्र रूप से भाग ले सके और पंचायत का आय-व्यय का बहीखाता भी इन्ही खुली बैठक में रखेंगे।
बाबी रमाकांत - सी.एन.एस.