तम्बाकू महामारी और बिगड़ रही है: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रपट 2008

तम्बाकू महामारी और बिगड़ रही है: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रपट 2008

- प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के लिए देशों को तुरंत आकस्मिक कदम उठाने चाहिऐ -

(ये हिन्दी अनुवाद है मैथ्यू ल म्येर्स, अध्यक्ष, तम्बाकू रहित बच्चों के लिए काम्पैग्न के अध्यक्ष के ख़त का. कृपया कर के, अंग्रेजी में मौलिक ख़त पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक्क करें)

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७ फरवरी २००८ को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व तम्बाकू महामारी रिपोर्ट २००८ वॉशिंगटन दी.सी. में विमोचित की.

इस रिपोर्ट से ये स्पष्ट है कि विश्व स्तर पर तम्बाकू महामारी सबसे बड़ा मृत्यु का कारन है जिससे पूर्णत: बचाव मुमकिन है. इस रिपोर्ट से ये भी स्पष्ट है कि यदि सब देश मिलकर प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण की और कदम बढाये, तो हर तम्बाकू जनित मृत्यु और रोग से बचाव मुमकिन है.

इस रिपोर्ट से ये भी स्पष्ट जाहिर है कि प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के लिए क्या कारगर है, ये सिद्ध हो चूका है और प्रमाणित भी. जरुरत है बस इन प्रबव्कारी तम्बाकू नियांतरण के कार्यक्रमों को लगन के साथ लागू करने की.

इस रिपोर्ट से ये भी साफ जाहिर है कि कौन से देशों में तम्बाकू नियांतरण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इसलिए ये भी इस रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि इन देशों में प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के लिए पर्याप्त कदम नही उठाए जा रहे हैं.

हालांकि कुछ देशों ने तम्बाकू नियांतरण के लिए प्रशंस्निये कार्य किये हैं, परन्तु मात्र ५ प्रतिशत से अधिक लोगों तक किसी भी प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के कार्यक्राम के लाभ नही पहुँचते.

दुनिया तम्बाकू नियांतरण के परिपेक्ष्य में यकीनन एक दो-राहे पर खड़ी है। तम्बाकू कम्पनियाँ जैसे कि फिल्लिप मौरिस या अल्त्रिया आदि अपने तम्बाकू उत्पादनों का जबरदस्त प्रचार भांति-भांति प्रकार से कर रही हैं, खासकर कि विकासशील देशों में इनके तम्बाकू उत्पादनों के प्रचार अत्यधिक आपतिजनक हैं. इसलिए ये और भी अधिक जरुरी हो जाता है कि सब देश मिल कर प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के लिए जो कार्यक्राम अपने प्रभाव के लिए प्रमाणित हो चुके हैं और इस रिपोर्ट में उनका जिक्र है, उन सब कार्यक्रमों को तेज़ी से न केवल संख्या में बल्कि गुणात्मक दृष्टि से भी उच् दर्जे के इन कार्यक्रमों को समर्थन एवं सहयोग देना चाहिऐ.

यदि sab देश ऐसा करें, तो यकीनन कई हजार मिलियन जिंदगियाँ बच सकती हैं. और यदि ये देश ऐसा नही करेंगे, तो एक भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहे.

WHO Global Tobacco Epidemic report 2008 या विश्व स्वास्थ्य संगठन की २००८ विश्व में तम्बाकू महामारी की रिपोर्ट के अनुसार ५४ लाख से अधिक लोग हर साल तम्बाकू जनित मृत्यु के शिकार होते हैं. हर वर्ष, तम्बाकू महामारी और भी अधिक बिगड़ रही है और तम्बाकू जनित मृत्युदर बढ़ता ही जा रह है, खासकर कि विकासशील देशों में जहाँ आने वाले दशक में लगभग ८० प्रतिशत तम्बाकू जनित मृत्यु होने की सम्भावना है.

यदि तेज़ी से बिना विलम्ब प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के कार्यक्रमों को लागू नही किया गया तो अनुमान है कि १ अरब से अधिक लोग इस शताब्दी में तम्बाकू जनित मृत्यु को प्राप्त होंगे.

मानव शरीर के लिए तम्बाकू का सेवन इतना घटक है कि विश्व में ८ में से ६ मृत्यु के सबसे बडे कारणों के लिए तम्बाकू खतरा बढ़ा देता है.

उम्मीद मिलती है इस सत्य से कि तम्बाकू महामारी से निबटने के लिए, क्या करना चाहिऐ और क्या प्रभावकारी है, ये आज न केवल शोध के आधार पर, बल्कि अनेकों कार्यक्रमों के अनुभवों पर भी हम सब को मालूम है, और WHO की इस रिपोर्ट में स्पष्ट अंकित है.

इस रिपोर्ट में ६ ऐसे कार्यक्रमों को चिन्हित किया गया है जो प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के लिए प्रमाणित हो चुके हैं, और आर्थिक और व्यावहारिक रुप से भी देशों में लागू किये जा सकते हैं.

इन ६ कार्यक्रमों के पैकेज को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने MPOWER का नाम दिया है.

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MPOWER:

M: Monitor, यानी कि तम्बाकू के सेवन को और तम्बाकू नियांतरण के कार्यक्रमों के और तम्बाकू नशा चुदवाने के कार्यक्रमों के प्रभाव को मोनिटर या आंकलन किया जाना चाहिऐ

P: Protect, यानी कि परोक्ष धूम्रपान से सब लोगों को बचाया जा सके, और जो कानून या नीतियाँ देश के स्तर बार बनायीं जानी चाहिऐ, वो बनायीं जाये जिससे कार्यस्थल पर और सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू के सेवन पर प्रतिबंध लग सके और अन्य लोग परोक्ष धूम्रपान से बच सके

O: Offer, यानी कि हर तम्बाकू का सेवन करने वाले को तम्बाकू नशा चुदवाने के लिए उपयुक्त सहायता प्रदान की जानी चाहिऐ

W: Warn, यानी कि हर व्यक्ति को खबरदार करना चाहिऐ कि तम्बाकू कितनी घटक है और जन लेवा बीमारियों की जनक भी. इसके लिए कई कार्यक्रम प्रभावकारी सिद्ध हुए हैं जैसे कि तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी, या गुणात्मक दृष्टि से मीडिया काम्पैग्न आदि

E: Enact, यानी कि न केवल सर्वंगीन तम्बाकू नियांतरण के लिए प्रभावकारी नीतियाँ बने, जिससे कि तम्बाकू के विज्ञापन रुकें, तम्बाकू कंपनियों द्वारा प्रयोजन रूक सके, भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल रूक सके जैसे कि "light" या "mild" या "tar", बल्कि इन नीतियों को लागोऊ भी किया जाना चाहिऐ

R: Raise the price of tobacco products by increasing tobacco taxes, यानी कि तम्बाकू उत्पादनों पर त्स बढाया जाये जिससे कि उनकी कीमत भी बढ़ जाये और सरकारों को अधिक त्स मिले. ये प्रमाणित हो चूका है कि त्स बढ़ाने से बच्चों और युवाओं में तम्बाकू सेवन कम शुरू होता है और पहुच से बाहर भी हो जाता है.

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१५० से अधिक देशों ने विश्व व्यापी पहली जन-स्वास्थ्य और तम्बाकू कंपनियों को जिम्मेदार ठहरानी वाली त्रेअटी (Framework Convention on Tobacco Control, FCTC) को पारित किया है.

शोध के आधार पर और अनुभवों के अधर पर अब इस बात में कोई शंका नही है कि उपरोक्त प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के विभिन्न कार्यक्रम कारगर हैं. ये भी महत्त्व की बात है कि ये सब ही कार्यक्रम आर्थिक रुप से संभव हैं और लागू किये जा सकते हैं. अधिकांश उपरोक्त कार्यक्रम काफी हद तक सरकारों के लिए बिना किसी आर्थिक भर के किये जा सकते हैं. जहाँ पर आर्थिक जरुरत हो, वह तम्बाकू उत्पादनों पर त्स बढ़ा कर धन राशी एकत्रित की जानी चाहिऐ. ये धन राशी न केवल तम्बाकू नियांतरण के लिए बल्कि अन्य जन-हित कार्यक्रमों के लिए भी इस्तेमाल की जानी चाहिऐ. असल में यदि सरकारें प्रभावकारी तम्बाकू नियांतरण के कार्यक्रमों को लागू करें, तो तम्बाकू जनित रोगों के उपचार में काफी बड़ी मात्र में व्यय बच जाएगा.

विश्व में जो तम्बाकू महामारी व्याप्त है, उससे न केवल क्रोरों लोगों का स्वास्थ्य या जीवन प्रभावित होता है, बल्कि देशों को तम्बाकू जनित बीमारियों के उपचार में और अन्य नुकसान की भरपाई करने में एक बहुत भारी, और तम्बाकू से प्राप्त राजस्व से कई गुना ज्यादा, आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है.

तम्बाकू के सेवन का कुप्रभाव आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को सबसे अधिक झेलना पड़ता है. गरीब लोग और अधिक गरीब हो जाते हैं जब उनकी दैनिक आये का एक बड़ा हिस्सा नशे में धुआ हो जाता है और तम्बाकू जनित बीमारियों के इलाज में भी जाने लगता है. इससे तम्बाकू सेवन करने वालों के परिवार के अन्य लोग भी प्रभावित होते हैं, जैसे कि पैसे के आभाव में पौष्टिक भोजन न मिल पाना, बच्चों का स्चूल न जा पाना और महिलायों और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल न हो पाना.

अगले हफ्ते तम्बाकू के अवैद व्यापर पर अंतराष्ट्रीय बैठक शुरू होने को है. आशा है कि ठोस नीतियाँ बन पाएँगी.

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The WHO Report on the Global Tobacco Epidemic, 2008 ya विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस रिपोर्ट को पढ़ने या download करने के लिए, यहा क्लिक्क कीजिए या इस URL par जाइये : http://www.who.int/entity/tobacco/mpower/mpower_report_full_2008.pdf


मार्क हर्ले

वॉशिंगटन दक, अमरीका

फ़ोन: +१-२०२-४६०-२६७९

ईमेल: mhurley@tobaccofreekids.org

वेबसाइट: www.tobaccofreekids.org