CSMMU डॉक्टरों के संघर्ष को 'जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय' ने समर्थन दीया

CSMMU डॉक्टरों के संघर्ष को 'जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय' ने समर्थन दीया

फरवरी २००८

आज के युग में जहाँ स्वास्थ्य व्यवस्था का निजीकरण हो रहा है, सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को न केवल अन्य मेडिकल कॉलेज या प्रतिष्ठित अस्पतालों के डॉक्टरों की तुलना में काम वेतन देना, बल्कि देश भर में सम्भावता: सबसे काम वेतन देना, कहा तक उचित है?

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय (Chhatrapati Shahuji Maharaj Medical University, www.kgmcindia.edu, formerly King George's Medical College (KGMC)) के डॉक्टरों ने एक लम्बे समय से संघर्ष छेड़ रखा है की उनका वेतन भी अन्य मेडिकल कॉलेज या देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों के बराबर हो.

ये बेहद चिंता का विषय है की CSMMU के डॉक्टरों का वेतन UGC ke प्रोफेस्सर के वेतन से काम है. यानी की CSMMU के डॉक्टरों का वेतन डिग्री कॉलेज के प्रोफेस्सर से भी काम है! एक डाक्टर की भूमिका नि:संदेह कही अधिक महत्वपूर्ण है, खासकर की गरीब और पिछडे वर्ग के लोगों के लिए जो निजी अस्पतालों में नही जा सकते.

हालांकि CSMMU के पास बेहद सीमित संसाधन है, फिर भी ये अस्पताल न केवल lakhnau के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश भर के ग्रामीण छेत्रों में रहने वालों के लिए भी एक उम्मीद का स्त्रोत रहा है. यह पर कम से कम आर्थिक व्यय में इलाज होता आया है, विशेषकर की गरीबों का इलाज जो अक्सर नि:शुल्क या जितना काम मुमकिन है उतनी धनराशी में हो पाए, इसके लिए विशेष प्रावधान हैं.

ये बहुत खेद की बात होगी यदि कोई डाक्टर CSMMU से निजी अस्पताल में या विदेश चला गया, क्योकि निजी अस्पताल और विदेशों के अस्पताल गरीब जनता के लिए तो है नही और ये डाक्टर उन लोगों की pahuch se bahar ho jayenge jinko inki sabse adhik jarurat hai. हमारा मानना है की ये सरकार की जिम्मेदारी है की अपनी सारी जनता के लिए उचित स्वास्थ्य व्यवस्था कायम करे.

उत्तर प्रदेश सरकार को CSMMU के डॉक्टरों की माँग पर गंभीर रुप से विचार करना चाहिऐ और उनको अन्य प्रदेशों के डॉक्टरों के वेतन के बराबर, जैसे की कर्नाटक में जो दर है, वो दीया जाना चाहिऐ. ऐसा करने से डाक्टर अपने पूरे ध्यान से इस अस्पताल में कार्यरत रहेंगे, और गरीब वर्ग के लोगों का इसी में भला है.

उत्तर प्रदेश सरकार को ये भी विचार करना चाहिऐ की अन्य प्रदेशों में जहा निजी प्रक्टिस की अनुमति नही है, जैसे की उत्तरांचल, दिल्ली, हरयाणा, पुन्जब, हिमाचल प्रदेश आदि - उनकी तुलना में लखनु के CSMMU के डॉक्टरों को सबसे काम वेतन मिलता है. CSMMU के डॉक्टरों को नि:संदेह बेहतर वेतन-दर मिलना चाहिऐ.

(अरुंधती धुरु)

सामाजिक कार्यकर्ता

(स.र. दरापुरी)

IPS adhikaari (अवकाश प्राप्त)

(संदीप पाण्डेय)

सामाजिक कार्यकर्ता

जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय

National Alliance of People's Movements (NAPM)