शहद से मिला है गुजरात को आर्थिक लाभ
गुजरात के वलसाड जिले के दिन्बारी गावं में एक रेशम-सूट का पेड़ है जिसपर ढेर सारी मधुमखियों का छत्ता है. इन छत्तों से १०० किलो से अधिक शहद प्रति वर्ष निकलता है, और यही कारन है की ग्राम पंचायत आर्थिक रूप से मजबूत होती जा रही है.
"शुरू के चांद सालों तक शहद व्यर्थ होता था, फिर लोगों ने सोचा की इस शहद को बेचा जाए और आज रुपया ५०,००० से अधिक का शहद हर साल बिकता है" कहना है मगन सोमा अवतार का जो दिन्बरी गावं के निवासी हैं.
ग्राम पंचायत ने इस पैसे से बर्तन, कुर्सी-मेज, भोपू या लौद-स्पीकर, इत्यादी खरीदा है जो लोगों को किराये पर दिया जाता है और ये सब पैसा गावं के विकास में लगता है.
"अब हम लोग इस पैसे को पानी के प्रोजेक्ट्स में पाँच प्रतिशत की भागीदारी के रूप में निवेश करेंगे" कहना है मंगू पथ्रोर का जो कप्रदा ग्राम पंचायत के सदस्य हैं.
एक पेड़ जो मधुमाखी के छत्तों से भरा हुआ है उसने जन-जातियों को एक मीठी क्रांति लाने का रास्ता दिखाया है.
साथी सिरिश अगरवाल, ने ये ख़बर हम से बातिन है, जिसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं