तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ६७
सोमवार, ७ जुलाई २००८
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संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका के चार देशों में मल्टी ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के लिए नई जांच की प्रयोगशालाएं लगाने का निर्णय लिया है - यह चार अफ्रीका के देश हैं: लिसोथो, आइवरी कोअस्त, कोंगो और इथियोपिया.
मल्टी ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक की जांच के नतीजे औसतन २-३ महीने में मिल पाते थे. आकड़ों के मुताबिक मात्र २७ प्रतिशत मल्टी ड्रग रेसितंत टीबी या तपेदिक के रोगियों की सही समय से जांच हो पाती है और उपयुक्त इलाज भी. बाकि के ९८ प्रतिशत रोगी बिना इलाज या जांच के मृत्यु से जूझ रहे होते हैं. ऐसे में खासकर कि यदि रोगी को एच.आई.वी या अन्य ऐसा रोग हो जो शरीर की प्रतिरोधक छमता कम करता हो, तो स्थिति और भी बिगड़ जाती है.
अब इस नई जांच से, मल्टी ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के रोगियों को नतीजे २७ दिन में मिल जायेंगे, न कि २७-३ महीने में! ये नि:संदेह बहुमूल्य उपलब्धी है.
जिन लोगों को एच.आई.वी संक्रमण है, उनको टीबी होने का खतरा दस गुणा अधिक होता है, और मल्टी ड्रग रेसिस्तंत टीबी होने का खतरा भी बढ़ जाता है, चूँकि उनके शरीर की प्रतिरोधक छमता सूक्ष्म होती है.