उत्तर प्रदेश के मुख्या सूचना आयुक्त के ख़िलाफ़ राज्यपाल की करवाई को सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया

उत्तर प्रदेश के मुख्या सूचना आयुक्त के ख़िलाफ़ राज्यपाल की करवाई को सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया


उत्तर प्रदेश के मुख्या सूचना आयुक्त को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने कार्यालय जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है और उनको सुसपेंड कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के सूचना के अधिकार पर कार्यरत लोगों का कहना है कि राज्यपाल महोदय का यह फ़ैसला जायज है क्योंकि:
१) सूचना के अधिकार अधिनियम (२००५) को लागु करने में मुख्या सूचना आयुक्त असफल रहे थे
२) इस अधिनियम का हिस्सा - अपील प्रोसीजर रूल को लागु करने में भी मुख्या सूचना आयुक्त असफल रहे थे
३) वोह स्पीकिंग आर्डर नही दिया करते थे

४) उनके निर्णय जन-सूचना अधिकारी के प्रति झुके हुए होते थे और अपीलकर्ता पर सख्त हुआ करते थे

५) उन्होंने अधिनियम के तहत सूचना आयुक्त से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराने से मना कर दिया था

६) जन-सूचना अधिकारीयों से हर्जाना उसूल करने में वोह असफल रहे थे


उत्तर प्रदेश राज्य सूचना के अधिकार अभियान

इज़हार अहमद अंसारी, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता

मुन्ना लाल शुक्ला, कार्यकर्ता

यशवंत राव, कार्यकर्ता

भानु प्रताप द्विवेदी, अद्वोकाते

अरविन्द मूर्ति, कार्यकर्ता

डॉ. नीरज कुमार, आचार्य, लखनऊ विश्वविद्यालय

नागेश्वर प्रसाद, सेवा निवृत्त सरकारी अधिकारी

उषा विश्वकर्मा, कार्यकर्ता

संदीप पाण्डेय, कार्यकर्ता

स.र. दारापुरी, सेवा निवृत्त आई.पी.एस अधिकारी

वेद कुमार

अखिलेश सक्सेना, कार्यकर्ता

सत्य नारायण शुक्ला, सेवा निवृत्त आई.पी.एस अधिकारी

अरुंधती धुरु, कार्यकर्ता

इश्वर चंद्र द्विवेदी, सेवा निवृत्त आई.पी.एस अधिकारी

नवीन तेवरी, उद्योगपति और कार्यकर्ता


अधिक जानकारी के लिए संपर्क कीजिये: इज़हार अहमद अंसारी - 9415763426