६० साल से तमिल नाडू का एक गाँव तम्बाकू-शराब रहित है
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कसंगादु नाम का एक गाँव जो तमिल नाडू प्रदेश में कावेरी नदी पर स्थित है, वोह पिछले ६० साल से तम्बाकू और शराब रहित रहा है क्योंकि २१ जुलाई १९४९ को किसी ने लापरवाही से जलता हुआ सिगार झोपड़-पट्टी में फ़ेंक दिया था और पूरी बस्ती जल कर खाक़ हो गयी थी. इस सदमे के बाद गाँव के निवासियों ने स्वयं निर्णय लिया और सभी गांववासियों ने प्रण लिया कि गाँव में अब कभी भी कोई शराब-तम्बाकू का सेवन नहीं करेगा - आज ६० साल बाद भी लोग इस स्वस्थ्य परम्परा का पालन करते आये हैं, जो नि:संदेह सराहनीय है. यह गाँव, कसंगादु, तमिल नाडू प्रदेश की राजधानी चेन्नई से ३१० किलोमीटर पर स्थित है.
इस गाँव के लोगों का कहना है कि जब इस गाँव के निवासी बाहर पलायन कर के काम आदि की तलाश में गए, तो उनमें से अधिकाँश ने तम्बाकू-शराब आदि व्यसनों का सेवन नहीं किया, और बहुत ही कम लोगों ने ही इस नियम का अनुपालन भंग किया और संभवत: गाँव से बाहर तम्बाकू-शराब आदि का सेवन किया. इन लोगों को, जिन्होंने नशा आरंभ कर दिया हो, उनको नशा-मुक्त हो कर के ही गाँव वापस आने की आजादी है.