मग्सय्सय पुरुस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सिंथिया मॉंग का बर्मा से सम्बंधित सन्देश
२९ मई २००९
में यह अपील इस उम्मीद से लिख रही हूँ कि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं एवं जन-समूह बर्मा में चल रहे संघर्ष को सहयोग प्रदान करें, और हाल ही में हुई औंग सन सु कई की पुन: गिरफ्तारी का खंडन करें जो बर्मा में व्याप्त हुकूमत का मानवाधिकारों एवं लोकतंत्र के प्रति संवेदनहीनता जाहिर करता है.
औंग सन सु कई के खिलाफ लग रहे आरोप भद्दे हैं और न केवल बर्मा के लोगों की छवि बल्कि एशिया की सरकारों की छवि भी दूषित कर रहे हैं. इस नाज़ुक मोड़ पर, बर्मा की ५० करोड़ जनता के लिए जिनकी ज़िन्दगी अनिश्चितता, सदमें और भ्रम में धसी हुई है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और भी अधिक महत्त्वपूर्ण बन जाती है.
यह हर व्यक्ति, संस्था और सरकार की जिम्मेदारी है कि उन लोगों की रक्षा की जाए जिनके नेता सिर्फ उनका शोषण ही करते हों.
बर्मा की मौजूदा हुकूमत ने २०१० में चुनाव करने के निर्णय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि सुधारने की पूरी कोशिश की है. परन्तु इन चुनाव की तैयारी में जिस तरह से हुकूमत लोगों को दबा रही है, और औंग सन सु कई को गिरफ्तार रख रही है, इससे साफ़ ज़ाहिर है कि वोह सिर्फ इन चुनाव का एक ही परिणाम सुनिश्चित करना चाहती है कि मौजूदा हुकूमत ही 'लोकतान्त्रिक' चुनाव जीत कर अपना राज कायम कर सके.
यह आवश्यक है कि हम सब बर्मा में कुछ बहादुर लोगों की आवाजों को मजबूत करें जैसे कि मिन को निंग और यु विन टिन, जिन्होंने अपने जीवन को खतरे में डाल कर भी लोकतंत्र के लिए संघर्ष को बल प्रदान किया है. हम सब लोगों को मांग करनी चाहिए कि सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए जिससे कि बिना पक्षपात के खुली और लोकतान्त्रिक चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ सके.
बर्मा के सरहदी इलाकों में मौजूदा हुकूमत द्वारा स्थानीय लोगों को सरहदों की रक्षा करने के लिए उत्तेजित करने से आम लोगों पर अत्याचार बढ़ गया है जिसके फलस्वरूप आम लोग अक्सर सरहद पार कर के पडोसी देशों में शरण ले रहे हैं.
औंग सन सु कई का कहना है कि अभी भी देर नहीं हुई है और सभी पार्टियों को बैठ कर वार्तालाप से समझौता करना चाहिए.
मेरी अपेक्षा है कि आप जैसे मानवाधिकारों की संग्रक्षा करने वाले लोग, बर्मा में चल रहे लोकतंत्र के लिए निडर संघर्ष को सहयोग और मजबूती प्रदान करेंगे.
मग्सय्सय पुरुस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सिंथिया मॉंग