इससे पहले की बहुत देर हो जाय, तम्बाकू छोडिये और धुँआ रहित समाज की स्थापना कीजिए
विश्व तम्बाकू विरोधी दिवस के उपलक्ष्य में, ३१ मई को छत्रपति शाहूजी महराज मेडिकल विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग में एक जन गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उपकुलपति डाक्टर सरोज चूरामणि गोपाल एवं जस्टिस शबीबुल हसनैन मुख्य अतिथि थे, तथा पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार विशिष्ठ अतिथि थे।
डाक्टर चूरामणि के अनुसार, इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि तम्बाकू का परोक्ष एवं अपरोक्ष सेवन, अनेक जानलेवा बीमारियों का जनक है। अत: हम सभी को एक तम्बाकू रहित समाज के लिए प्रयत्न करने चाहिए।
सर्जरी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर डा. रमा कान्त का कहना था कि तम्बाकू उत्पादों पर सचित्र स्वास्थ्य चेतावनियाँ, तम्बाकू उन्मूलन की दिशा में एक अच्छा कदम है। विशेषकर भारत में, जहाँ एक तिहाई जनता अशिक्षित है, ये सचित्र खतरे के लेबल, लोगों को तम्बाकू छोड़ने के लिए ज़रूर प्रेरित करेंगें। डाक्टर साहब ने बताया कि विदेशों में इन चेतावनियों के बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं।
परन्तु भारत में, आज के दिन से लागू ये चेतावनियाँ उतनी ज़ोरदार नहीं हैं, तथा क्षेत्र परीक्षित भी नहीं हैं। ये तम्बाकू पैक के केवल एक ओर के ४०% भाग पर होंगी।
सर्जन विनोद जैन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडों के अनुसार, हमारे देश में प्रति वर्ष ९ लाख तम्बाकू उपभोक्ता मृत्यु को प्राप्त होते हैं। भारत में कैंसर के ४०% मामले तम्बाकू जनित होते हैं। तम्बाकू की वजह से ही भारत में मुख के कैंसर का प्रकोप सबसे अधिक है।
इस गोष्ठी में ‘तम्बाकू रहित जीवन’ पर कई पोस्टर भी प्रर्दशित किए गए। स्कूल के बच्चों ने तम्बाकू की हानियों के बारे में अपने वक्तव्य भी पेश किए। इस संगोष्ठी में अनेक गैर सरकारी संस्थाओं ने भी भाग लिया, जैसे आशा परिवार, इंडियन सोसाईटी अगेंस्ट स्मोकिंग , समाधान, अभिनव भारत फौंडेशन, भारत विकास परिषद्, यू.पी.वी.एच.ई. आई.