उत्तर प्रदेश में तीन दलित गंग्स्तेर्स अधिनियम के तहत गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में तीन दलित गंग्स्तेर्स अधिनियम के तहत गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के डोरिया में मल्वाबर मुशाहार बस्ती के तीन दलितों को पुलिस ने गंग्स्तेर्स अधिनियम के तहत २७ जनवरी २००८ की रात को गिरफ्तार कर लिया. राम चंदर, प्रसाद और कैलाश नमक तीन दलित गिरफ्तार हुए हैं.

पुलिस का कहना है कि तीनो दलित अवैद शराब बनाते वक़्त रेंज-हाथों पकडे गए. तीन अवैद शराब के द्रुम भी बरामद हुए.

परन्तु जितना आँख से दिखता है, उससे अधिक कहानी है यह. सामाजिक कार्यकर्ता और वृत्त-चित्र निर्देशक विद्या भूषण रावत का कहना है कि भयानक गरीबी, लाचारी और इस बस्ती में व्याप्त हालातों ने लोगों को बड़ी विकत स्थिति में जकड रखा है.

"इसमे कोई दो-रे नही है कि देश-भर में गरीब लोग अक्सर अवैद शराब का सेवन करते हैं. ये उनकी हार नही है, ये प्रदेश कि हार है” कहना है विद्या भूषण रावत का.

पुलिस ने इन तीन लोगों को मध्य-रात्रि के पास गिरफ्तार किया था. जो मुशाहर बस्ती का हाल है, वहाँ ८ बजे के बाद रात में कोई गतिविधि नही होती है. पुलिस की जो रिपोर्ट है वो समझ से परे है, खासकर कि उन लोगों के जो उस गावं से परिचित हैं.

वैसे भी, दलित मुशाहर लोग सिर्फ मजदूर मात्र हैं. अवैद शराब का धंधा बडे शराब के ठेकेदारों या ईटें के भट्ठों वालों द्वारा चलता है. परन्तु क्योकि अवैद शराब के असली दोषी बडे लोग हैं और राजनितिक रुप से पहुच रखते हैं, उन पर पुलिस ने हाथ नही रखा और दलितों को गंग्स्टर अधिनियम में पकड़ के अन्दर कर दिया.

“जून २००७ में मैं इस बस्ती से पदयात्रा के दौरान गुज़रा था. २०० से अधिक बच्चे इस बस्ती में ऐसे थे जिनको औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा नसीब नही थी. इस बस्ती में बिजली के खंभे तो पिछले १० सालों से थे, परन्तु बिजली नही थी. मुशाहर बस्ती के लोग दलितों में भी सबसे अधिक शोषण झेलते हैं. अंग्रेजों के समय में पुलिस मुशाहर लोगों को छोटे-मोटे जुर्म में पकड़ लेटी थी और इस समुदाय को जुर्म के नाम से बदनाम कर दिया था.”

जब तक इन लोगों के पास रोज़गार के उचित माध्यम न हो, या जमीन न हो (सब मुशाहार जमीन-रहित मजदूर हैं), कोई भी प्रभाव प्रशासन पर डालना नामुमकिन सा है. इसलिए भी क्योकि इन मुशाहरों की संख्या इतनी है ही नही कि स्थानिये राजनीती पर कोई खासा प्रभाव दाल सके.

इन मुशाहरों की बस्ती के लोगों को National Rural Employment Guarantee Scheme (NREGS) या राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गुअरंती योजना का भी कोई लाभ नही मिल रह है.

गर्मी में तो बच्चों तक को तादी मांगते हुए देखा जा सकता है.

इसी बस्ती की एक वृद्ध महिला रामरती, जिसके पति की सालों पहले मृत्यु हो गयी थी, यह अवैद शराब बनने के खिलाफ है. उसको लगता है कि बस्ती के सब बच्चों को पढ़ने का अवसर मिलना चाहिऐ. परन्तु रामरती की उम्मीद भी लघु-आयु है क्योकि पुलिस ने उसके अकेली संतान राम चंदर को गंग्स्टर अधिनियम में पकड़ लिया है.

“जो लोग सबसे अधिक शोषण के शिकार होते आये हैं, उनपर गंग्स्टर अधिनियम लगाने का क्या औचित्य है?” रावत का पूछना है.

मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश को अप्पाल/ पत्र लिखे:

अन्य टेलीफोन सम्पर्क:

स्प डोरिया : ०५५६८-२४१४००

डिग गोरखपुर रेंज : ०५५१-२३३३४४२

अन्य जानकारी के लिए राम चन्द्र प्रसाद से सम्पर्क करे: अत ०९४५०४८२९०८

(फोटो: व्व्व.बैल.कॉम)