सबसे जरूरतमंद बच्चों को नहीं लग रहा है निमोनिया टीका

पांच वर्ष से  कम आयु के बच्चों में निमोनिया  मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है. इसके बावजूद निमोनिया का टीका भारत सरकार के बाल टीकाकरण कार्यक्रम का भाग नहीं है. इसको निजी रूप से खरीदना पड़ता है और महंगा होने के कारण अधिकाँश लोगों की पहुँच के बाहर है. सबसे दुःख की बात तो यह है कि जिन बच्चों को निमोनिया का खतरा सबसे अधिक है, उनको ही निमोनिया टीका लगने की सम्भावना सबसे कम है. उदहारण के तौर पर क्योंकि निमोनिया टीकाकरण सरकार अपने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में नहीं प्रदान करती है, तो  ऐसे बच्चे जो गरीब परिवार से हैं, जिनके लिए स्वच्छता, धुआ-रहित वातावरण, भीड़-भाड़, पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य जागरूकता, आदि मिलने की सम्भावना भी कम है, उनमें निमोनिया अधिक होती है और घटक स्वरुप लेती है.

गोरखपुर की एक बस्ती में रहने वाले प्रदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि: "मेरे बच्चे को भी निमोनिया हुआ था. जिस बस्ती में हम लोग रहते हैं वहाँ अधिकांश लोग अपने बच्चों का टीकाकरण तो करा रहे है पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अभी भी नहीं लगवा रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए जो अपने बच्चों को टीका नहीं लगवा रहे हैं, उनके लिए जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत है और उनको जागरूक किया जा सकता है। पिछले वर्ष एक परिवार टीकाकरण नहीं करवा रहा था, जिनको हम लोगों ने जागरूक किया उसके बार उसने लगवाया।"

गौर हो कि प्रदीप को यह नहीं मालूम है कि निमोनिया का टीका लगा है कि नहीं. जिस टीकाकरण का प्रदीप जिक्र कर रहे हैं वो सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत  बच्चों को नि:शुल्क मुहैया किया जाता है और उसमें निमोनिया का टीका नहीं शामिल है. परन्तु प्रदीप इस बात से अनजान हैं.

गोरखपुर की एक और बस्ती में रहने वाली इन्द्रावती बताती है कि उनके नाती को निमोनिया हुआ था. उन्होंने बताया कि: "हमारे नाती को निमोनिया हुआ था। बच्चे के गले में परेशानी थी, श्वास फूल रही थी, पेट में भी दर्द था, बुखार भी था। चिकित्सकों ने बताया कि निमोनिया ठण्ड के वजह से हुई थी. इस बच्चे को मां का दूध 5-6 महीने तक पिलाया गया था और अब उसे गाय का दूध पिला रहे हैं."


इन्द्रावती आगे बताती हैं कि "बच्चों का टीकाकरण बराबर करा रहे हैं." यह पूछने पर कि "कौन-कौन सा टीका लगा है?", इन्द्रावती कहती हैं कि: "टीका के बारे में नहीं बता पायेगें। सरकारी अस्पताल से लगवाया था और कोई पैसा नहीं लगा था."

ज़ाहिर है कि निमोनिया टीका सरकारी टीकाकरण योजना में शामिल होना चाहिए क्योंकि बच्चों में यह एक बड़ा मृत्यु का कारण है.

जीतेन्द्र द्विवेदी - सी.एन.एस.