युवाओं तम्बाकू सेवन आरम्भ न करें

‘‘अधिकांश तम्बाकू सेवन 18 वर्ष से पहले ही आरम्भ होता है। इसीलिए बच्चों एवं युवाओं को तम्बाकू जनित जानलेवा रोगों एवं व्याधियों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है जिससे कि वें ज़िन्दगी चुनें, तम्बाकू नहीं’’ कहा एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इण्डिया के 2012 नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रोफेसर डॉ0 रमा कान्त ने जो नागरिक अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर, 25-31 मई 2011 के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रोफेसर डॉ0 रमा कान्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार विजेता हैं एवं छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष एवं भूतपूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं।

प्रो0 डॉ0 रमा कान्त जो वर्तमान में ‘पाइल्स टू स्माइल्स’ क्लीनिक के निदेशक हैं, उन्होंने कहा कि ‘‘बच्चों एवं युवाओं में तम्बाकू नियंत्रण करना व्यापक तम्बाकू नियंत्रण योजना का एक अहम भाग है’’।

प्रो0 डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि ‘‘भारत में तम्बाकू से हर वर्ष 10 लाख से अधिक लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं। बच्चों और युवाओं को तम्बाकू कम्पनियों के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष भ्रामक प्रचार से दूर रहना चाहिए और उससे प्रभावित नहीं होना चाहिए। उनको तम्बाकू सेवन की असली तस्वीर जो जानलेवा बीमारियों से जुड़ी है उससे परिचित होना चाहिए जिससे कि वें ज़िन्दगी चुनें, तम्बाकू नहीं’’।

प्रो0 डॉ0 रमा कान्त जिनको केन्द्रिय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अनुशंसा पुरूस्कार भी 1997 में मिल चुका है उन्होंने कहा कि ‘‘लगभग आधी तम्बाकू जनित मृत्यु 35-69 वर्ष के दौरान होती है। धूम्रपान से अधिकांश मरने वाले लोगों ने तम्बाकू सेवन युवावस्था में आरम्भ किया था। 30-40 साल के लोग जो तम्बाकू सेवन करते हैं, उनको हृदय रोग होने का पॉंच गुणा अधिक खतरा रहता है। तम्बाकू जनित हृदय रोग एवं कैंसर तम्बाकू व्यसनियों की मौत का सबसे बड़ा कारण है’’।

प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि ‘तम्बाकू व्यसनियों को नशा मुक्ति के लिये विशेषज्ञों से मदद लेनी चाहिए. शोध के अनुसार अक्सर तम्बाकू सेवन करने वाले लोग तम्बाकू-जनित रोगों, विकृतियों और मृत्यु से अनभिज्ञ होते हैं. जो तम्बाकू व्यसनी इन खतरों को संजीदगी से समझते हैं, उनकी नशा-मुक्त होने की सम्भावना अधिक होती है.’

अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर के सत्रों में युवाओं को नागरिक पत्रकारिता (ऑनलाइन एवं प्रकाशन), मौजूदा तम्बाकू नियंत्रण कानून, हिंदी एवं अंग्रेजी में ब्लॉगिंग, मुद्दों पर रपट लिखना, फोटो-पत्रकारिता एवं अपने लेखों एवं तस्वीरों को ऑनलाइन माध्यमों से विस्तृत करना आदि पर प्रशिक्षण मिल रहा है. यह युवा लखनऊ शहर में तम्बाकू नियंत्रण कानून पर रपट कार्ड भी बना रहे हैं जो अधिकारियों को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर दिया गया।

यह अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर नागरिकों के स्वस्थ लखनऊ अभियान, इण्डियन सुसाइटी अगेंस्ट स्मोकिंग, आशा परिवार, अभिनव भारत फाउंडेशन एवं सिटिज़न न्यूज़ सर्विस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
सी.एन.एस.