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प्रोफेसर डॉ0 रमा कान्त के सेन्टर पर हुए ‘अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर - 25-31 मई 2011’ के दौरान मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संदीप पाण्डेय ने प्रतिभागी युवाओं को सूचना अधिकार अधिनियम, २००५ से जन-हितैषी तम्बाकू नियंत्रण कानून को सख्ती से लागू करने एवं भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को सशक्त करने पर बात की. उन्होंने छात्रों को सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन पत्र लिखना सिखाया और उनसे अनुरोध किया कि वें न तो कभी घूस लें, न कभी दें.
प्रोफेसर डॉ0 रमा कान्त के सेन्टर पर हुए ‘अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर - 25-31 मई 2011’ के दौरान मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संदीप पाण्डेय ने प्रतिभागी युवाओं को सूचना अधिकार अधिनियम, २००५ से जन-हितैषी तम्बाकू नियंत्रण कानून को सख्ती से लागू करने एवं भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को सशक्त करने पर बात की. उन्होंने छात्रों को सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन पत्र लिखना सिखाया और उनसे अनुरोध किया कि वें न तो कभी घूस लें, न कभी दें.
डॉ संदीप पाण्डेय ने बताया कि ‘आवेदन पत्र जिस विभाग से आप जानकारी मांग रहे हैं, उसके जन-सूचना अधिकारी को संबोधित किया जाता है. सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगते हुए आवेदन पत्र में यह बात स्पष्ट लिखे कि जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम, २००५, के अंतर्गत मांगी जा रही है. १० रूपए का नोट या ‘मनी-आर्डर’ संग्लग्न करें और नोट का नंबर भी आवेदन पत्र में लिख दें. इस आवेदन पत्र को पंजीकृत डाक द्वारा भी भेजा जा सकता है.’
प्रतिभागी युवाओं ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन पत्र लिख कर यह पूछा कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम २००३ को क्यों लागू नहीं किया गया है? क्यों शैक्षिक संस्थानों के १०० गज के अन्दर तम्बाकू विक्रय दुकानें हैं? क्यों सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान हो रहा है? क्यों फिल्मों में तम्बाकू सेवन को प्रदर्शित किया जा रहा है? प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष विज्ञापन हो रहा है? क्यों 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे-युवा तम्बाकू खरीद या बेच रहे हैं? आदि
यह अधिकार एवं दायित्व प्रशिक्षण शिविर नागरिकों के स्वस्थ लखनऊ अभियान, इण्डियन सुसाइटी अगेंस्ट स्मोकिंग, आशा परिवार, अभिनव भारत फाउंडेशन एवं सिटिज़न न्यूज़ सर्विस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
सी.एन.एस.