तपेदिक या टीबी समाचार सारांश: १५ मई २००८: अंक ४४

तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ४४
१५ मई २००८


अमरीका में रहने वाले दक्षिण एशिया देशों से आए लोगों में तपेदिक या टीबी का दर बढ़ता ही जा रहा है, जो अमरीकी जन-स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिये एक चिंता का विषय है.

अमरीका में ५० प्रतिशत से भी अधिक होने वाली टीबी या तपेदिक, दक्षिण एशिया से आए लोगों में होती है.

हालांकि इमिग्रेशन की प्रक्रिया में इस बात का प्रावधान है कि सभी विदेशी नागरिकों के इमिग्रेशन आवेदन पत्र में लेटेंट टीबी या तपेदिक की जांच की रपट लगाई जाए और यदि लेटेंट टीबी या तपेदिक हो तो उसके लिये थेरपी (इसोनिअजिद) दिलाई जाए. इस थेरपी के बाद टीबी या तपेदिक होने की सम्भावना लगभग नगण्य हो जाती है.

इस प्रावधान के होने के बावजूद भी इमिग्रेशन अधिकारी अक्सर इसको लागू करने में ढिलाई दिखाते आए हैं. अब शोध और आकड़ों के आधार पर इसको सख्ती से लागू किया जाएगा और उम्मीद है कि अमरीका के टीबी नियंतरण कार्यक्रम अधिक प्रभावकारी हो पाएंगे.

एली लिल्ली नामक दवा कंपनी ने अमरीकी डालर १ मिलियन दान दिया है जिससे कि टीबी या तपेदिक चिकित्सकों को ओनलाइन या इंटरनेट के मध्यम से ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के चिकित्सकीय इलाज और रोकधाम के लिये पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जा सके. यह अतिआवश्यक है क्योकि ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक का दर बढ़ता ही जा रहा है और इलाज के विकल्प सीमित हो रहे हैं. इसलिए आवश्यक है कि ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक का इलाज सही तरीके से पूरा किया जाए और टीबी नियंतरण को, खासकर कि विकासशील देशों में, अधिक प्रभावकारी बनाया जा सके.

एक नए शोध से यह स्थापित हो गया है कि वायु में प्रदूषण, मोटर-गाड़ी से निकलते धुए से प्रदूषण और धूम्रपान से टीबी या तपेदिक का रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है. एक जहरीली गैस - कार्बन मोनो औकसाइड - जो मोटर गाड़ी से निकलते धुए में और तम्बाकू के धुए में पायी जाती है, लेटेंट टीबी या तपेदिक को सक्रिय रोग में परिवर्तित करने के लिये जिम्मेदार है.