तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ४८
मंगलवार, २० मई २००८
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रपट (वर्ल्ड हैल्थ स्तातिस्टिक २००८ या विश्व के स्वास्थ्य आकडें २००८) १९ मई २००८ को विमोचित हुई है.
इस रपट से साफ जाहिर है कि विश्व में आने वाले सालों में संक्रामक रोगों से खतरा कम और क्रोनिक या लंबे-देखभाल वाले गैर-संक्रामक रोगों का अनुपात सबसे अधिक होगा. उदाहरण के तौर पर टीबी या तपेदिक, एच.आई.वी, मलेरिया आदि से कही ज्यादा अनुपात होगा ह्रदय रोगों का, मधुमेह का, तम्बाकू जनित कु-प्रभावों का...
अभी तक 'बम' का आतंक तो सुना होगा, पर अमरीका में टीबी या तपेदिक के आतंक की ख़बर अनोखी है. अमरीका में एक व्यक्ति जिसने किराये पर ली कार को वापस नही किया था, उसको पुलिस ने थाने में सुबह सुनवाई तक बंद करने का प्रयास किया, तो उसने 'मुझे टीबी है' का शोर मचा दिया. हकीकत में यह व्यक्ति थाने के अन्य कैदियों के साथ रात नही गुज़ारना चाहता था, इसलिए उसने ऐसा झूठ बोला.
पुलिस थाने में खलबली मच गई, स्वास्थ्य विभाग ने थाना सील कर दिया, सभी कैदियों और करमचारियों की टीबी या तपेदिक की जांच हुई और अंत में यह पता चला कि न उस व्यक्ति को टीबी या तपेदिक है और न ही किसी भी कैदी या कर्मचारी को.
अमरीकी कोर्ट ने इस व्यक्ति को 'संगीन जुर्म और बदमाशी' के लिये सजा सुनाई है.
एच.आई.वी की तुलना में हेपेटाइटिस से दस गुणा अधिक लोग संक्रमित होते हैं. ऐसा वर्ल्ड हेपेटाइटिस काउंसिल या विश्व हेपेटाइटिस संगठन ने आकडें प्रस्तुत करते हुए कहा.
काउंसिल ने मांग की कि हेपेटाइटिस नियंतरण कार्यक्रमों को कम-से-कम उतना ध्यान तो मिलना चाहिए जितना एच.आई.वी, टीबी या तपेदिक और मलेरिया को मिलता है.
लगभग १५ लाख लोगों की मृत्यु प्रति वर्ष हेपेटाइटिस से होती है.