तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ५३
मंगलवार, २७ मई २००८
दक्षिण अफ्रीका में हुए इस शोध से यह साबित होता है कि मरीज के अस्पताल देर से आने से उतनी टीबी या तपेदिक संबंधित मौत नही होती हैं जितनी स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सही परीक्षण और इलाज करने में हुई देरी से मौत होती हैं.
अक्सर टीबी या तपेदिक नियंतरण में और अन्य रोग नियंतरण में इस बात को सुनने को मिलता है कि दोषी मरीज है. उदाहरण के तौर पर कई देशों में यदि मरीज दवा समय से न ले तो उसको जेल तक होने का खतरा रहता है, जिससे की जबरन उसका इलाज पूरी अवधि तक और उचित दवाओं के साथ कराया जा सके.
स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा हुई देरी में एक सबसे बड़ा कारण है कि टीबी या तपेदिक का रोगी सही विशेषज्ञ तक समय से नही पहुँच पाता.
पश्चिमी एशिया के देश ओमान में हुए शोध के अनुसार जब चिकित्सकों को ५ टीबी या तपेदिक के रोगी दिखाए गए तो ६४% ने टीबी या तपेदिक होने का शक उनपर नही किया. ओमान के चिकित्सकों में टीबी या तपेदिक के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में अपेक्षा से कम ज्ञान और मरीज देखते वक्त टीबी या तपेदिक के लक्षण देखने के बाद भी टीबी या तपेदिक होने की शंका न करना, टीबी नियंतरण के लिये एक बड़ी चुनौती है.
अमरीका में मेक्सिको से आने वाले दूध-उत्पादन जैसे की ताजे पनीर आदि पर रोक लग रही है क्योकि अमरीकी-मेक्सिको सरहद के पास रहने वाले लोगों में बोवईन टीबी या तपेदिक (ऐसी टीबी जो गाय-भैसों में होती है, और कच्चे दूध से मनुष्य में भी फ़ैल सकती है) पाई गई है.
बोवईन टीबी या तपेदिक को नियंत्रित करने के लिये अमरीका में काफी प्रयास हो रहे हैं. मिन्नेसोता प्रदेश में तो यदि गाय-भैंस को टीबी या तपेदिक हो तो उसको मार दिया जाता है और किसान को अमरीकी डालर ५०० मुआवजा दिया जाता है.
न्यू जीलैंड में एक किसान पर १५,००० डालर जुर्माना डाला गया जब उसने बोवईन टीबी या तपेदिक से ग्रसित भैंस को एक खेत से दूसरे खेत में घुमा दिया.
फिलिप्पिन के आर्थिक और विकास मंत्रालय का कहना है कि फिलिप्पिन देश सभी (आठों) मिलिनिम देवेलोप्मेंट गोल (MDG) को २०१५ तक पूरा करेगा. उसके अनुसार फिलिप्पिन २०१५ से पहले ही ८ में से कुछ MDG लक्ष्य पूरा कर लेगा.
परन्तु फिलिप्पिन में टीबी या तपेदिक, विशेषकर कि ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक का दर बढ़ता ही जा रहा है. अभी हाल ही में जापान सरकार ने, इटली सरकार ने फिलिप्पिन को आर्थिक मदद दे कर टीबी या तपेदिक नियंतरण के कार्यक्रमों को सशक्त करने का प्रयास किया है.
टीबी या तपेदिक जैसे रोग को, खासकर कि ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक को नियंत्रित करने के लिये यह निश्चित तौर पर नही कहा जा सकता कि कोई भी देश इन लक्ष्यों को पूरा कर पायेगा - यह सिर्फ़ एक देश पर ही निर्भर नही है, यह निर्भर करेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे टीबी या तपेदिक नियंतरण के प्रयासों पर भी।
उम्मीद है कि फिलिप्पिन ही नही बल्कि अन्य देश भी एन लक्ष्यों को पूरा कर पाएंगे.