तम्बाकू किल्स समाचार बुलेटिन: १६ मई २००८: अंक ३८०

तम्बाकू किल्स समाचार बुलेटिन
१६ मई २००८
अंक ३८०


भारत में सबसे अधिक शोषण झेल रहे हैं बीड़ी मजदूर

बीड़ी उद्योग तो अपने ही मजदूरों तक पर रहम नही करता है. जो मजदूर बीड़ी बनाने में लगे हैं, वह भारत में मजदूरों में सबसे अधिक शोषण झेल रहे लोगों में से हैं.

इनमें ७६-९५% तो महिलाएं हैं जो गंभीर फेफड़े की बीमारियों से झूझ्ती हैं, और यौनिक शोषण भी झेलती हैं. बच्चों के लिए बीड़ी उद्योग एक खतरनाक रोज़गार माना जाता है परन्तु इसके बावजूद भी ढाई लाख बच्चे बीड़ी बनाने में लगे हैं.

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२० लाख तपेदिक या टीबी के रोगियों में से १० लाख धूम्रपान की वजह से टीबी से ग्रसित

भारत में बीस लाख टीबी या तपेदिक से ग्रसित लोग हैं जिनमें से आधे धूम्रपान की वजह से टीबी का रोग झेल रहे हैं. बीड़ी मोनोग्राफ, बीड़ी स्मोकिंग एंड पब्लिक हैल्थ, इस बात पर जोर देता है कि गरीब और अनपढ़ लोगों को बीड़ी के कुप्रभावों से विशेषतौर पर बचाया जाये. यह मोनोग्राफ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा १२ मई २००८ को विमोचित हुआ था.

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बीड़ी सिगरेट से अधिक खतरनाक है: क्या रेवोल्वर पिस्टल से अधिक खतरनाक है? तम्बाकू हर रूप में घातक है!

यह बात सत्य है कि बीड़ी सिगरेट से अधिक खतरनाक है क्योकि बीड़ी से निकोटीन और टार अधिक मात्रा में धूम्रपानी को नुकसान पहुचते हैं. परन्तु यह कहना कि सिगरेट कम खतरनाक है, यह सही नही होगा. तम्बाकू हर रूप में घातक है, और उसके हर रूप में सेवन से जानलेवा रोग होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है. श्रेयेस्कर यही है कि तम्बाकू से दूर रहा जाये और जो लोग सेवन कर रहे हैं, वह समय रहते इसको त्याग दें.

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यह तम्बाकू किल्स समाचार बुलेटिन तम्बाकू किल्स युवा टीम द्वारा आपको प्राप्त हो रही है।

इस टीम को भारतीय तम्बाकू नियंत्रण संगठन (इंडियन सोसिएटी अगेन्स्ट स्मोकिंग), आशा परिवार, अभिनव भारत फाउंडेशन, सिटिज़न न्यूज़ सर्विस और छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय की तम्बाकू नशा उन्मूलन क्लीनिक का सहयोग प्राप्त है।

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