तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ४५
शनिवार, १७ मई २००८
एली लिल्ली नामक दवा कंपनी ने पिछले हफ्ते ही १० करोड़ अमरीकी डालर दान दिया था जिससे चिकित्सकों को मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के सही इलाज के लिये प्रशिक्षित किया जा सके. यह धनराशी वर्ल्ड मेडिकल असोसिएशन या अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सकों का संगठन, को दी गई है. यह प्रशिक्षण, नि:शुल्क है, और इंटरनेट के मध्यम से दिया जाएगा. इसके पंजीकरण के लिये, इस वेबसाइट पर जाएं: http://www.wma.net
टीबी या तपेदिक जो ड्रग रेसिस्तंत नही है, उसके उपचार के लिये तो विश्व स्तर पर मानक बने हुए हैं, परन्तु ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के इलाज के लिये विभिन्न तौर-तरीके सुनने को मिलते हैं. यह भी सत्य है कि बहुत कम देशों में, और चंद ही शहरों में मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक की जांच/ परीक्षण की प्रयोगशालाएं उपलब्ध हैं. अधिकांश देशों में जहाँ मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक होने की संभावना तीव्र है, वहाँ इसकी जांच के लिये प्रयोगशाला है ही नही, उदाहरण के लिये अफ्रीका के सिर्फ़ २-३ देशों में ही मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी की जांच करने के लिये प्रयोगशाला हैं.
यही दवा कंपनी अपने १३२वें साल पूरे होने पर अपने स्थापना दिवस को एक अनोखे तरीके से मना रही है। इस दवा कंपनी के सभी कार्यालयों के सारे कर्मचारी एक दिन के लिये काम को रोक कर अपने अपने शहरों में सामाजिक कार्य करेंगे. कही पर कोई सड़क साफ करेगा तो कही पर कोई वृक्षारोपण करेगा, चीन में सभी कर्मचारी 'ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना' पर चल कर मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक से लड़ने के लिये चन्दा इकठ्ठा करेंगे.
बिओमेरिक्स और FIND (फाउंडेशन फॉर इन्नोवातिवे न्यू दिअग्नोस्टिक) ने मेमोरंदुम ऑफ़ उन्देर्स्तान्डिंग स्थापित किया है कि बिओमेरिक्स जो की एक दवा कंपनी है और FIND जो टीबी या तपेदिक के लिये नई परीक्षण या जांच के शोध को बढावा देने के लिये समर्पित है, दोनों एकसाथ मिलकर टीबी या तपेदिक के नए जांच आदि के लिये शोध करेंगे.
टीबी या तपेदिक की जांच में जो मिक्रोस्कोप इस्तेमाल होता है वह १०० साल पुराना है. खासकर की ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के बढ़ते दर को देख के यह और भी अधिक लाज़मी हो जाता है कि नए परीक्षण, नई दवाएं, और नई उपचार विधियाँ जो अधिक प्रभावकारी हों, वह शीघ्र ही लोगों तक पहुचें.
टीबी या तपेदिक का बक्टेरिया कैसे मानव शरीर के भीतर छुप कर बैठता है और कैसे अपनी तादाद बढ़ाता है, इस पर नए शोध के नतीजे से अब वैज्ञानिक टीबी या तपेदिक के लिये अधिक प्रभावकारी दवाएं बना पाएंगे, ऐसी उम्मीद है. इस शोध से यह भी वैज्ञानिक जानकारी मिल रही है कि कौन से कारण हैं जो टीबी या तपेदिक को सक्रिय रोग में परिवर्तित होने से रोक सकते हैं जिससे लेटेंट टीबी या तपेदिक ही शरीर में रहे, जो उपचार से ठीक हो सकती है (इसोनिअजिद थेरेपी).
अफ्रीका के मालावी देश में एक नर्स की दास्ताँ जो पिछले कई सालों से टीबी या तपेदिक की रोकधाम के लिये समर्पित है. इस समाचार में खासकर कि कई मुद्दें ऐसे उठे हैं जो सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दें हैं जिनके कारण महिलाएं टीबी या तपेदिक की सही समय पर जांच और पूरा इलाज नही कर पाती हैं.
अमरीका में टीबी या तपेदिक के इस रपट से यह चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं कि अमरीका में ११.३ प्रतिशत लोगों में टीबी और एच.आई.वी दोनों हैं! वहीं जिन लोगों में टीबी या तपेदिक पुन: हो जाता है, उनमें मल्टी-ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक होने का अनुपात ७ प्रतिशत है!