तपेदिक या टीबी समाचार सारांश: १८ मई २००८: अंक ४६

तपेदिक या टीबी समाचार सारांश
अंक ४६
रविवार, १८ मई २००८


भारत में जेल के कैदियों को इसलिए जमानत मिल जाती है क्योकि वह एच.आई.वी और टीबी या तपेदिक दोनों से ग्रसित हैं.

परन्तु अमरीका में और अन्य देशों में लोग इसलिए जेल में कैद किया जा रहे हैं क्योकि उनको टीबी या तपेदिक है और जबरन उनका इलाज पूरा करना सरकार अपनी जिम्मेदारी समझती है, और जेल में कैद कर के इलाज पूरा कराना सबसे कारगर तरीका.

भारतीय कोर्ट के माननीय जज महोदय का कहना था कि एच.आई.वी और टीबी या तपेदिक से ग्रस्त कैदी को साफ-सफ़ाई और स्वच्छ मौहौल चाहिए जिससे कि वह पुन: स्वस्थ्य हो सके. यह कोई मामूली कैदी भी नही, यह वह कैदी है जिसपर २ क़त्ल का मुकदमा चल रहा है. इस पर आरोप है कि इसने एक IAS अधिकारी के लड़के और उसके दोस्त का क़त्ल कर दिया था.

यह भारतीय जज की संवेदनशीलता है और दुनिया के लिये उदाहरण - शोधों के आधार पर यह स्पष्ट है कि जेल के भीतर का मौहौल जिनमें कैदी रहते हैं, अक्सर संक्रामक रोगों को फैलने में मदद करता है. जेल के भीतर संक्रमणों का दर कही अधिक पाया जाता है. गनीमत है कि हमारे यहाँ रोगी-कैदियों को रहम तो मिल रहा है.

यदि अमरीका या अन्य देश में होते, तो अच्छे भले आदमी को यदि टीबी या तपेदिक हो तो जेल होने की सम्भावना रहती है.

इटली की फिनान्स मंत्रालय और एक अन्य इटली की सामाजिक संगठन ने फिलीपींस के बच्चों में टीबी या तपेदिक कार्यक्रमों को सशक्त करने के लिये अनुदान दिया है. बच्चों में टीबी या तपेदिक के संक्रमण की जांच होना भी दुर्लभ है, और इलाज भी, विशेषकर कि अगर एच.आई.वी हो.

जापान ने ग्लोबल फंड टू फाइट एड्स, टीबी और मलेरिया को अमरीकी डालर ५०० मिलियुन अनुदान दिया है, जिससे कि विकासशील देशों में संक्रामक रोगों के कार्यक्रमों को मजबूत किया जा सके.

एड्स और मलेरिया से ही लगभग ५० लाख लोगों की मृत्यु सालाना होती है, और ८० प्रतिशत इनमें से मरने वाले लोग अफ्रीका में हैं.

अमरीका के एकमात्र बचे हुए टीबी या तपेदिक अस्पताल (a.g.holley अस्पताल जो फ्लोरिडा में है) काफी समय से चर्चा में रहा है. अमरीकी सरकार इसको भी बंद करने की मंशा में थी, परन्तु बढ़ते हुए टीबी या तपेदिक के दर से संभवत: उसने अपना इरादा बदल लिया है और इस अस्पताल को एक साल और चलाने का प्रस्ताव पारित किया है.

अगले साल (२००९) इस अस्पताल को निजी अस्पताल में परिवर्तित कर दिया जाएगा. टीबी या तपेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कारगर नीति नही है क्योकि अमरीका में टीबी, खासकर की ड्रग रेसिस्तंत टीबी के बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, और इस मौहौल में आवश्यक है कि टीबी या तपेदिक का विशेष अस्पताल हो जहाँ लोगों को उचित ढंग से पर्याप्त इलाज मिल सके. टीबी या तपेदिक के अस्पताल न होने की वजह से पोलिस या जेल में टीबी या तपेदिक का इलाज जबरन कराया जा रहा है, जो उचित नही है.

इन्तेर्फेरों गाम्मा रिलीज़ ऐसे (IGRA) परीक्षण कम-से-कम तुबेर्कुलिन स्किन टेस्ट (TST) परीक्षण जितना प्रभावकारी तो है ही - इस शोध से यह प्रमाणित होता है.

तुबेर्कुलिन स्किन टेस्ट टीबी या तपेदिक के लिये एक बहुत पुराना परीक्षण है (लगभग १०० साल पुराना परीक्षण विधि). इस परीक्षण से अक्सर झूठे नतीजे आते हैं, जैसे की जिन लोगों को लेटेंट टीबी या तपेदिक का रोग है (यानि कि सक्रिय टीबी या तपेदिक का रोग नही है), उनका नतीजा भी पोसिटिव आता है, और जिन लोगों ने BCG वैक्सीन ले रखी है, उनका नतीजा भी पोसिटिव आता है. इसीलिए तुबेर्कुलिन स्किन टेस्ट कराने के बाद यह पुष्टि कराने के लिये कि टीबी या तपेदिक का संदेह सही है या नही, अन्य परीक्षण की आवश्यकता होती है.