अमरीका और इंग्लैंड की गाय-भैसों में बढ़ती टी.बी. से प्रशासन हरकत में
बोवीन टी.बी या तपेदिक गाय-भैसों में होती है और जिन गाय-भैसों को ऐसा संक्रमण हो, या तो पशु से सम्पर्क परया उसका कच्चा दूध पीने पर मनुष्य को भी टी.बी या तपेदिक हो सकती है. इस टी.बी की रोकधाम के लिए ऐसे संक्रमित गाय-भैसों को मार दिया जाता है.
अमरीका में पहले ही कैलिफोर्निया प्रदेश में गाय-भैसों में बढ़ती टी.बी पर प्रदेश सरकार काफ़ी चिंतित थी, हाल ही में अन्य प्रदेश जैसे की मिन्नेसोता में भी गाय-भैसों में बढ़ती टी.बी या तपेदिक से मिन्नेसोता प्रदेश सरकार चौकन्ना हो उठी और संक्रमण की रोकधाम के लिए गाय-भैसों का मिन्नेसोता प्रदेश की सरहद लांघना तक मुश्किल हो गया है.
उसी तरह मिचिगन प्रदेश सरकार ने भी चिंता जाहिर की है की गाय-भैसों में टी.बी या तपेदिक का अनुपात बढ़ता जा रहा है.
अमरीका की केंद्रीय सरकार ने अमरीकी डालर १६ मिलियुन मिचिगन, कैलिफोर्निया और मिन्नेसोता प्रदेश में गाय-भैसों में टी.बी या तपेदिक की रोकधाम के लिए प्रदान किए हैं.
इंग्लैंड या ग्रेट ब्रिटेन या यू.के. में भी गाय-भैसों में तपेदिक या टी.बी से सरकार काफ़ी चिंतित है. इंग्लैंडमें १९५० में बोवीन टी.बी या गाय-भैसों में तपेदिक का अनुपात १ प्रतिशत से भी कम हो गया था (यानिकी बोवीन टी.बी या गाय-भैसों में टी.बी खत्म हो गई थी). परन्तु १९७० के दशक में, ये फिर से बढ़ने लगीऔर इस समय इंग्लैंड में काफ़ी संगीन स्थिति है. जिन गाय-भैसों को ऐसी टी.बी होती है, उनको मारदिया जाता है और किसानों को मुआवजा दिया जाता है. सरकार का कहना है की कहाँ तक वो किसानोंको मुआवजा दे क्योकि बोवीन टी.बी का अनुपात इतना अधिक है.