नंदीग्राम: CPI (ऍम) के गुंडों ने राधारानी का दुबारा बलात्कार किया
शरम करो CPI (ऍम) के गुंडों जिन्होंने नंदीग्राम में राधारानी का दुबारा बलात्कार किया [इसको अंग्रेज़ी में पढने के लिए यहाँ क्लिक्क करें]
नंदीग्राम में गोकुल्नगर छेत्र के एक गावं में छपी (ऍम) के गुंडों ने राधारानी आरी का दुबारा से बलात्कार किया और अन्य महिलाओं और पुरुषों पर आक्रमण किया. जो लोग घायल हुए हैं, वो नंदीग्राम सरकारी अस्पताल में भरती हैं.
जिन पुरुषों पर आक्रमण हुआ है वो 'गायब' हैं.
१८ अप्रैल २००८ की रात को, CPI (ऍम) के सदस्य और खेजुरी से हमद वाहिनी पार्टी के बंदूकों से लैस कार्यकर्ताओं ने राधा रानी और प्रताप आरी के घर पर आक्रमण किया, प्रताप को मार के पास के टैंक में फेक दिया और राधा रानी आरी का दुबारा से उसके अपने घर में ही बलात्कार किया गया.
नंदीग्राम में चल रहे संघर्ष में आगे बढ़ के शामिल हो के राधारानी आरी ने बहादुरी और सामाजिक संवेदनशीलता का परिचय दिया है. राधारानी एक दलित महिला हैं, जमीन-रहित परिवार से हैं, और उनके पति प्रताप आरी के सहयोग से नंदीग्राम संघर्ष में अनमोल योगदान देती आई हैं. राधारानी ने स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन (SEZ) का जमकर विरोध किया है और वहा बनने वाले केमिकल हब प्रोजेक्ट से जो जमीन, घर-बार, प्रकृति और संस्कृति का नाश होगा, उसको उजागर किया है. राधारानी एक प्रभावकारी वक्ता और बहुदर महिला हैं जिन्होंने संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत किया है. वो न केवल नंदीग्राम में बल्कि झारखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में चल रहे जन-आन्दोलनों को भी सशक्त करती आई हैं. राधारानी नंदीग्राम-नर्मदा- गोरे जथा में भी शामिल हुई थी.
सोनाचुरा से एक और महिला, जिसका नाम नर्मदा शीत है, वो भी नंदीग्राम में चल रहे संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. नर्मदा शीत पर भी हमला हुआ है. मोना प्रमाणिक नामक महिला पर भी उस रात हमला हुआ है. जब ये रपट लिखी जा रही थी, जिन पुरुषों पर हमला हुआ है, उनकी कोई ख़बर नही थी. राधारानी, प्रताप और नर्मदा शीत तो नंदीग्राम अस्पताल में भरती हैं और कुछ लोग तुम्लुक के अस्पताल में भरती हैं.
कम से कम २० घरों पर आक्रमण हुआ था और १०० लोग घायल हुए हैं, जानमाल का भरी नुकसान हुआ है और समान की लूटपाट भी. कई लोग बेघर हो गए हैं और भूमि उछेद प्रतिरोध कमिटी, नंदीग्राम, उनको सहयोग प्रदान कर रही है.
नाबकुमार समानता के नेतृत्व में और गरु पड़ा से अन्य लोगों के समर्थन से ये आक्रमण गोकुल नगर, सोनाचुरा, गढ़चाक्रबेडिया, में हुए. कुछ लोगों के घर में धमाके भी हुए थे, जिनमें कोखों शीत शामिल हैं, जो हाल ही में न्यायिक हिरासत से छूट कर आए थे.
लोकतंत्र पर नंदीग्राम एक धब्बे की तरह है. नंदीग्राम में इस तरह की त्रासिदियाँ CPI (ऍम) द्वारा स्थानिये, प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व के समर्थन से होती आई हैं, जो निन्दाजनक और शर्मनाक बात है.
जिन लोगों पर पहले ऐसी त्रासिदियाँ हुई थीं, और जिनको अब तक मुआवजा तक नही मिल पाया है, बल्कि झूठे आरोपों में उनको फसाया गया है, ऐसे लोगों पर यदि दुबारा इस तरह की त्रासिदियाँ हो जाए तो ये उन लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर घातक वार होगा.
नंदीग्राम में निरंतर होती हिंसा का भीषण खंडन करते हुए हमारी मांग है कि:
१. जिन लोगों ने ये सामुहिक बलात्कार, मार-पीट, डराना-धमकाना, लूट-पात, आदि किए थे, उनको बिना विलम्ब पहचाना जाए, आरूपित किया जाए और गिरफ्तार किया जाए.
२. नंदीग्राम में निरंतर हो रही हिंसा के समक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त भूमिका इख्तियार करे और जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनपर इसकी जांच हो कि वो CPI (ऍम) से किस तरह से संबंधित थे, और उनपर कठोर करवाई की जाए.
३. राष्ट्रीय महिला आयोग तुरंत नंदीग्राम जा कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को रपट पेश करे और जिन महिलाओं का बलात्कार हुआ है या जो घायल हुई हैं, उनको मुनासिब मुआवजा देने के लिए निर्देश जारी करे.
४. नंदीग्राम में निरंतर चलती हिंसा से त्रस्त लोगों के लिए विशेषकर महिलाओं के लिए नि:शुल्क न्यायिक, चिकित्सिक, सामाजिक, और अन्य प्रकार की सहायता और सहयोग प्रदान करने के लिए व्यवस्था की जाए
५. हाई कोर्ट के आदेश के तहत जिन लोगों को बलात्कार, यौनिक अत्याचार आदि झेलना पड़ा है और जिनको जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा है, उनको बिना विलम्ब मुआवजा दिया जाए
देब्जीत श्रीकांत और मेधा पाटकर
नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपुल'स मोवेमेंट्स (napm)
जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय
पश्चिम बंगाल, भारत
भूमि उछेद प्रतिरोध कमिटी, नंदीग्राम
(बी.उ.पर.क. नंदीग्राम)
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