बलरामपुर अस्पताल में भरती मरीज का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए घूस मांगी गई
यह एक आम बात है कि सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए घूस मांगी जाती है, खास कर कि ऐसे सर्टिफिकेट जो पोलिस स्टेशन में कितनी चोट लगी है इसके लिए अफ.ई.आर लिखाने के लिए जरुरी हैं, घूस माँगना एक आम बात हो गई है। यहाँ तक कि यदि घूस पर्याप्त दी जाए तो सर्टिफिकेट में अधिक गंभीर चोट दिखा के कोर्ट में केस को अधिक मजबूत किया जा सकता है।
इसके विपरीत यदि घूस नही दी गई हो तो सर्टिफिकेट में चोट की गंभीरता को कम दिखाते हुए कोर्ट में केस को कमजोर भी किया जा सकता है, कोर्ट के केस की बात दूर है, घूस न मिलने पर इतना कमजोर सर्टिफिकेट बनाया जाता है कि एफ.ई.आर तक नही लिखी जायेगी।
२५ अप्रैल २००८ को राम नरेश नामक व्यक्ति जो श्री जगन्नाथ का पुत्र है और गावं अमृत खेदा, पोलिस स्टेशन माल, तहसील मलिहाबाद, जिला लखनऊ का रहने वाला है, उसको एक उसके ही गावं के निवासी से मुत्भेड में गंभीर रूप से चोट आने के बाद बलरामपुर अस्पताल में भरती कराया गया।
राम नरेश से तुरंत रुपया ३०० जमा करने को बोला गया। जब उसने घटना का विवरण किया तब उससे रुपया ५०० अधिक मांगे गए जिससे उपरांत उसको वाजिब मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया जा सके। राम नरेश ने रुपया १०० जख्म पर टांके लगाने के लिए और रुपया २० दवाओं के लिए दे दिए, जबकि उसको दवाएं नि:शुल्क मिलनी चाहिए थी क्योकि वो गरीब है और सरकारी अस्पतालों में गरीब लोगों को नि:शुक्ल दवाएं मिलती हैं। यह एक शरम की बात है कि एक गरीब व्यक्ति से अस्पताल के कर्मचारी वाजिब और सही काम करने के लिए भी पैसे मांगे।
राम नरेश ने अस्पताल के अधिकारियों के कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कर दी है। यह शिकायत दर्ज करने के उपरांत इस अस्पताल का एक वार्ड बॉय राम नरेश के पास आया और बोला कि 'चौरसिया' नाम के व्यक्ति से जो 'इमर्जेंसी' वार्ड में कार्यरत है, अपना पैसा वापस ले ले। पैसा अभी तक वापस नही किया गया है।
राम नरेश, बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नम्बर २१ में बेद संख्या ६ पर भरती है। उससे सम्पर्क करने के लिए आशा परिवार और आशा स्वास्थ्य सेवा के कार्यकर्ता मनीष या चुन्नी लाल से सम्पर्क किया जा सकता है:
चुन्नी लाल: ९८३९४२२५२१
मनीष: ९८३९९११६४८
डॉ संदीप पाण्डेय
फ़ोन: 0522 2347365, 9415022772
ईमेल: ashaashram@yahoo.com
(लेखक डॉ संदीप पाण्डेय, जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय संयोजक हैं और रमोन मैग्सय्सय पुरुस्कार से सम्मानित कार्यकर्ता भी)