हालांकि जेल मानुअल में तम्बाकू सेवन लिखा हुआ है परन्तु
“सरकार जेल के कैदियों के स्वास्थ्य के ऊपर एक बड़ी रकम खर्च कर रही है, तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है” कहना है सुरिंदर कुमार का, जो देपुटी इंसपेक्टर जनरल (जेल पूर्वी छेत्र) हैं. कई नौजवान कैदी जेल के भीतर ही असमय ही मृत्यु के शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्होने ये कदम उठाया है.
सुरिंदर कुमार का कहना है कि तम्बाकू सेवन विशेषकर वो कैदी जो तपेदिक या टुबेर्कुलोसिस के शिकार हैं या जिनको एच.आई.वी. संक्रमण है, उनके लिए बहुत खतरनाक है. हाल ही में हुए शोध के अनुसार तम्बाकू सेवन से मृत्यु होने का सबसे बडाकारन तुबेर्कुलोसिस या तपेदिक निकल के आया है.
सुरिंदर कुमार का कहना है कि “तम्बाकू सेवन करने वाले न केवल अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुचते हैं बल्कि अन्य कैदियों के स्वास्थ्य को भी परोक्ष धूम्रपान के जरिये कु-प्रभावित करते हैं”
सिर्फ रूल की घोषणा से जेल में तम्बाकू सेवन रोकना संभव नही होगा क्योकि ये एक नशा है. इसके लिए आवश्यक है कि नागपुर जेल के कैदियों को तम्बाकू नशा उन्मूलन के लिए विशेषज्ञों से सहयोग मिले जिससे कि वे सफलता पूर्वक तम्बाकू सेवन को छोड़ पाए और अपने और अन्य कैदियों के स्वास्थ्य एवं जीने के अधिकार की संग्रक्षा कर सके.