अक्स.डी.र. टीबी या तपेदिक [XDR-TB] के रोगियों को उम्र भर के लिए अलग रखा जाएगा
एक्स्तेंसिवेली ड्रग रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के रोगियों में से आधों की मृत्यु शीघ्र ही हो जाती है। विज्ञान के पासअभी फिलहाल ऐसा कोई प्रावधान नही है कि मरीज को ठीक करना तो दूर उसका संक्रमण न फैले ऐसी दवाएं भीउपलब्ध नही हैं।
अमरीका के एक टीबी या तपेदिक विशेषज्ञ का कहना है कि पहले जैसे कि प्लेग, लेप्रसी या कुष्ठ रोग, और येलोफीवर में होता था कि मरीज को उम्र भर के लिए समाज से अलग रखा जाता था क्योकि कोई इलाज नही था औरकोई ऐसा प्रावधान नही था कि मरीज का संक्रमण और लोगों में न फैले। यही अब एक्स्तेंसिवेली ड्रग रेसिस्तंतटीबी या तपेदिक के रोगियों के साथ किया जाएगा और उनको उम्र भर के लिया सबसे अलग रखना ही पड़ेगा ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रपट के अनुसार हर साल ४०,००० से अधिक एक्स्तेंसिवेली ड्रग रेसिस्तंत टीबी के रोगीदुनिया में बढ़ जाते हैं। ये एच.आई.वी से भी अधिक खतरनाक है क्योकि ये जानलेवा है और आधे से अधिक रोगीमृत्यु को प्राप्त होते हैं।
अब जन स्वास्थ्य नीतियाँ और अन्य जन-कल्याण नीतियाँ भी परिवर्तित की जा रही हैं जिससे एक्स्तेंसिवेली ड्रगरेसिस्तंत टीबी या तपेदिक के रोगी को समाज के कल्याण में कानूनी रूप से उम्र भर के लिए सबसे अलग रखा जासके। ऐसा करना सदियों पीछे जाने जैसा होगा क्योकि पहले जब एंटी-बिओटिक दवा नही इजात हुई थी, तबप्लेग, लेप्रसी, और येलो फीवर को नियंत्रित करने के लिए ऐसा करना पड़ा था। आज जब इतनी तमाम एंटी-बियोटिक दवा हैं उसके बावजूद हमें सदियों पहले वाले जन स्वास्थ्य के तरीकों को अपनाना पड़ रहा है.