"हम लोग इन्साफ के लिए
"ये साफ दिखाई देता है कि श्री अमिताभ बच्चन, फैमिली फ़िल्म में सिगार पी रहे थे, जिसके पोस्टर हर जगह लगाये गए थे. ये न केवल गोया प्रदेश के अधिनियम का खुला उलंघन है बल्कि भारत के राष्ट्रीय सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम का भी खुला उलंघन है. Session कोर्ट ने पिछले महीने मार्च में अमिताभ बच्चन के ख़िलाफ़ सारे चार्ज खारिज कर दिए थे" डॉ सालकर ने कहा.
मार्च २००८ में नॉर्थ गोया के जज यू.वी.बकरे ने अमिताभ बच्चन जो अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष हैं, उनके ख़िलाफ़ सारे दावे खारिज कर दिए थे.
सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम (२००३) के अनुसार फिल्मों में तम्बाकू सेवन को प्रदर्शित नही करना चाहिए क्योकि देश में और विदेशों में भी हुए शोध के अनुसार बच्चों और युवाओं में तम्बाकू सेवन आरंभ करने के लिए जिम्मेदार सबसे बड़ा कारण है फिल्मों में तम्बाकू सेवन को प्रदर्शित करना.
भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अंबुमणि रामादोस ने अंतर्राष्ट्रीय तम्बाकू नियांतरण कांफेरेंस २००६ में दुनिया का प्रतिष्ठित पुरुस्कार, लुथेर तेर्री पुरुस्कार लेते हुए कहा था कि:
"शोधों से ये स्थापित हो चुका है कि बच्चों और युवाओं के तम्बाकू सेवन आरंभ करने के लिए सबसे बड़ा कारण है फिल्मों में तम्बाकू सेवन का प्रदर्शन. जब से सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादनअधिनियम २००३ लागु हुआ है तबसे फिल्मों में तम्बाकू के ब्रांड भी दिखाए जाने लगे हैं"
जनवरी २००६ में जब अमिताभ बच्चन ने फैमिली फ़िल्म में सिगार पिया था तो इस फ़िल्म के पोस्टर जिनपर अमिताभ सिगार पी रहे थे, देश भर में लग गए थे. गोया में NOTE ने और लखनऊ में Indian Society Against Smoking (या भारतीय तम्बाकू विरोधी संगठन ISAS) ने अमिताभ को कानूनी नोटिस जारी किए थे. NOTE इस केस को आगे ले के गई और अमिताभ पर गोवा कोर्ट में केस कर दिया.