तपेदिक या टीबी समाचार
२१ अप्रैल २००८
अमरीका के स्टर्लिंग में जेल के एक कैदी को लैतैंट टीबी या तपेदिक हो गई और वहाँ की मीडिया में सनसनी फैली. लैतैंट टीबी या लैतैंट तपेदिक तब कहते हैं जब संक्रमण सक्रिय नही हुआ हो और उस व्यक्ति से किसी और को भी टीबी नही फ़ैल सकती जब तक उसकी टीबी सक्रिय संक्रमण का रूप न धारण कर ले।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने भरसक प्रयास किया कि न तो जेल के अन्य कैदियों को परेशां होने की आवश्यकता हैऔर न ही स्टर्लिंग छेतरे के अन्य निवासियों को।
अमरीका में एक लैतैंट टीबी या तपेदिक से इतनी सनसनी मच सकती है, और भारत में जहाँ १/३ जनता को लैतैंट टीबी या तपेदिक है, और कोई खलबली नही?
वही अमरीका में नॉर्थ लिंकांशिर में एक हाई स्कूल के छात्र को टीबी निकल आई थी (फरवरी २००८)। अन्य छात्रोंका शिक्षकों का और अभिभावकों का टीबी टेस्ट करने पर १४ अन्य लोगों को लैतैंट टीबी या तपेदिक या फिरएक्टिव या सक्रिय टीबी या तपेदिक निकल के आई है। सबका उपयुक्त इलाज हो रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने ये नही स्पष्ट किया कि कितने लोगों को लैतैंट टीबी या तपेदिक है और कितनों को एक्टिव या सक्रिय टीबी रोग।
ये भी गौर करने की बात है कि अमरीका में कैसे एक छात्र को टीबी हो जाने से सब स्कूली छात्र, शिक्षक और अभिभावक जो उन छात्रों के सम्पर्क में रहे हों, सबकी जांच होती है और समय रहते उपयुक्त इलाज होता है। ऐसा करना भारत में मुमकिन ही नही क्योकि १/३ जनता को तो लैतैंट टीबी है और स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही जरुरत और छमता से कही अधिक लदी हुई है।