जेल में तम्बाकू नियंत्रण है एक गंभीर चुनौती: IG prisons
कर्नाटक के अद्दिशनल महा-निदेशक पुलिस और इंसपेक्टर-जनरल (कारागार) अस.टी.रमेश के अनुसार जेलपरिसर में तम्बाकू नियंत्रण या तम्बाकू नशा उन्मूलन एक गंभीर चुनौती है।
डेकन हेराल्ड में प्रकाशित उनके लेख जेल के इतिहास से संबंधित एक रोचक जानकारी प्रस्तुत करता है। २६ अप्रैल१९४८ में एक वरिष्ट अधिकारी जो जेल का दौरा कर रहे थे, उनके अनुसार कुछ कम्युनिस्ट कैदियों को उनकी मांगके अनुरूप बीडी मिलनी चाहिए। जेल परिसर में तम्बाकू सेवन कानूनन ग़लत नही है क्योकि तम्बाकू की बिक्रीजेल की कैंटीन में कानूनन रूप से होती है। जेल मानुअल के अनुसार जेल की कैंटीन में तम्बाकू उत्पादन का विक्रयहो सकता है।
हाल ही में नागपुर जेल में कुछ संवेदनशील अधिकारियों की वजह से जेल परिसर को तम्बाकू मुक्त जेल बनाने काप्रयास हो रहा है। हालांकि जेल मानुअल में ये लिखा हुआ है कि जेल की कैंटीन में तम्बाकू विक्रय हो सकता है, इसके बावजूद भी नागपुर जेल के संवेदनशील अधिकारियों ने जन-स्वास्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण केअनुकूल जेल को तम्बाकू मुक्त परिसर बनाने की ठान ली है। ये नि:संदेह प्रशंसनिये प्रयास है और अन्य जेलप्रसाशन को भी इस पर अमल करना चाहिए और जेल मानुअल को परिवर्तित करना चाहिए।
ये इसलिए भी जरुरी है क्योकि सिर्फ़ धूम्र्पानी के अधिकार की बात नही है, बल्कि जेल के अन्य कैदियों और कराम्चारियों आदि के स्वास्थ्य और अधिकारों की बात है। परोक्ष धूम्रपान से अनेकों लोग जो स्वयं धूम्रपान नही करते बल्कि बंद कमरे में या बंद परिसर में अन्य कोई धूम्रपान कर रहा हो तो जलती तम्बाकू से निकलते हुए धुए को सभी उपस्थित लोग उसको श्वास द्वारा अन्दर फेफडे में लेते हैं, और तम्बाकू जनित बीमारियों का खतरा सबके लिए बढ़ जाता है - जो लोग धूम्रपान कर रहे हों और जो लोग धूम्रपान न कर रहे हों परन्तु उस बंद परिसर में उपस्थित हों जहा धूम्रपान हो रहा हो।